मंत्री लग्जरी कार में, जनता रोडवेज से भी पैदल, उत्तराखंड रोडवेज बसों में परेशानी
सोमवार शाम हल्द्वानी से नैनीताल जा रही बस नैनागांव के पास खराब हो गई। इसके 12 घंटे बाद ही मंगलवार सुबह हल्द्वानी से नैनीताल जा रही बस एरीज के पास बंद हो गई। यात्री परेशान हो रह हैं।
सोमवार शाम हल्द्वानी से नैनीताल जा रही बस नैनागांव के पास खराब हो गई। इसके 12 घंटे बाद ही मंगलवार सुबह हल्द्वानी से नैनीताल जा रही बस एरीज के पास बंद हो गई। इसी तरह के तीन मामले चम्पावत में पिछले तीन दिनों में सामने आ चुके हैं। राज्य के मंत्री लग्जरी गाड़ियों में घूम रहे हैं वहीं रोडवेज बसों में सफर करने वालों को रोजाना फजीहत झेलनी पड़ रही है।
कुमाऊं में रोडवेज बसों की हालत ऐसी हो चुकी है कि अपने स्टेशन से कुछ किमी चलते ही बंद हो रही हैं। बसों की हालत किसी अस्थमा मरीज से कम नहीं है। बीते छह दिनों में हल्द्वानी, चम्पावत व नैनीताल में छह बसें बीच सफर में खराब होकर बंद पड़ गईं। यात्रियों को कई घंटे बीच सड़क पर परेशान होना पड़ा। 14 सितंबर को बरेली से लोहाघाट जा रही लोहाघाट डिपो की बस कोतवाली चम्पावत के पास इंजन में खराबी की वजह से खराब हो गई।
बस में सवार 18 यात्रियों को दूसरे वाहन से गंतव्य तक पहुंचाया गया। 16 सितंबर को लोहाघाट डिपो की ही दूसरी बस का दिल्ली से लौटते समय बेलखेत के पास इंजन बंद हो गया। उसमें सवार 16 यात्रियों को दूसरे वाहन से लोहाघाट भिजवाया गया। वहीं 18 सितंबर को लोहाघाट से बरेली जा रही बस का रास्ते में प्रेशर पाइप फट गया। बस में सवार 19 यात्रियों में मरीज भी शामिल थे। इस तरह के मामलों से यात्रियों को आए दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है।
नैनीताल में दो मामले
चम्पावत में जहां तीन दिन में तीन बसें खराब हुईं, वहीं नैनीताल में 12 घंटे के भीतर ही दो रोडवेज बसों ने बीच रास्ते में साथ छोड़ दिया। सोमवार शाम हल्द्वानी से नैनीताल जा रही बस नैनागांव के पास खराब तो मंगलवार सुबह एरीज के पास बस अचानक बंद हो गई। सोमवार को हल्द्वानी डिपो की नैनीताल जा रही बस काठगोदाम की चढ़ाई चढ़ते ही बंद हो गई। ठीक न होने पर जब यात्रियों का हंगामा शुरू हुआ तो काठगोदाम डिपो की बस से उन्हें नैनीताल के लिए रवाना किया गया।
मरीज भी होते हैं परेशान
रोडवेज एक ऐसा साधन है जिसके माध्यम से दिल्ली, बरेली समेत कई बड़े शहरों के लिए मरीज भी सफर करते हैं। बसों के बीच रास्ते में खराब होने से उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चम्पावत में खराब हुई बस में सवार यात्री रमेश सिंह का कहना था कि वह बेटी को जिला अस्पताल ले जा रहे थे। बस खराब होने के बाद बीमार बेटी के साथ करीब एक घंटे तक उन्हें दूसरे वाहन का इंतजार करना पड़ा।
बसें पुरानी होती जा रही हैं, वर्कशॉप में मरम्मत और देखरेख भी की जाती ह्रै। ्न पुरानी होने की वजह से बार-बार बसों में तकनीकि कमियां आ रही हैं।
इंद्रासनक्षेत्रीय महाप्रबंधक तकनीकि, टनकपुर मंडल
दो दिन में तीन मामले आए थे, जिनमें तीन बसें बीच सफर में खराब हो गई। तुरंत मौके पर दूसरी बस भेजकर यात्रियों को गंतव्य को भेजा। बार-बार ऐसा क्यों हो रहा है इसकी जांच कराई जाएगी।
सतीश सती, क्षेत्रीय महाप्रबंधक तकनीकि, नैनीताल मंडल
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