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जोशीमठ भूधंसाव के बाद प्रभावितों के पास रहने को घर नहीं, बिजली-पानी कनेक्शन काटने पर बढ़ी टेंशन

विरोध के कारण टीम को बैरंग लौटना पड़ा। जोशीमठ में अन्य जगहों पर भी टीम को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। ऊर्जा निगम के जेई रमेश सिंह पंवार ने कहा कि बुधवार से टीम पुन कनेक्शन काटना शुरू करेगी।

जोशीमठ,  पूरन भिलंगवाल Wed, 31 Jan 2024 05:27 AM
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जोशीमठ में भूधंसाव के कारण क्षतिग्रस्त भवनों के बिजली और पानी के कनेक्शन काटने पर आपदा प्रभावित भड़क गए। मंगलवार को गांधी नगर क्षेत्र में ऊर्जा निगम, जल संस्थान और तहसील प्रशासन की टीम को लोगों का विरोध झेलना पड़ा।

विरोध में उतरे लोगों ने कहा कि अभी तक उनके रहने की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में उनके घरों के कनेक्शन क्यों काटे जा रहे हैं। पहले उनके रहने की व्यवस्था की जाए। काफी देर तक मौके पर गहमागहमी का माहौल रहा।

विरोध के कारण टीम को बैरंग लौटना पड़ा। जोशीमठ में अन्य जगहों पर भी टीम को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। ऊर्जा निगम के जेई रमेश सिंह पंवार ने कहा कि बुधवार से टीम पुन कनेक्शन काटना शुरू करेगी।

दरअसल एसडीएम जोशीमठ ने 190 लोगों की सूची जारी कर ऊर्जा निगम और जल संस्थान को इन घरों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए हैं। ऐसे भवन जिनके मुआवजे का भुगतान सरकार ने कर दिया है, इनके कनेक्शन कटने शुरू हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, अभी तक 48 घरों के बिजली कनेक्शन और 34 घरों के पेयजल कनेक्शन काटे जा चुके हैं।

किराया नहीं मिलने से क्षतिग्रस्त घरों में लौट रहे
जोशीमठ भूधंसाव प्रभावित लोगों का आरोप है कि उन्हें जनवरी महीने का किराया नहीं मिला है। किराया नहीं मिलने से अधिकांश प्रभावित अपने दरार के कारण क्षतिग्रस्त मकानों में ही लौट आए हैं। प्रशासन का दावा है कि आपदा प्रभावितों को 40 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है।

गौचर में विस्थापन का प्रस्ताव ठुकराया
गौचर के निकट विस्थापन की कवायद के बीच नगरवासियों ने सरकार के इस मसौदे को खारिज कर दिया है। लोगों ने जोशीमठ एवं सेलंग के बीच स्थित गौंख, औली लगा जखथाली में प्रभावितों के विस्थापन की मांग की है।

संघर्ष समिति ने आज बुलाई बैठक, बनेगी रणनीति
संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार कहते हैं कि प्रभावितों का पुनर्वास किए बगैर घरों के बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जाने लगे हैं, जो चिंताजनक है। संघर्ष समिति ने बुधवार को बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।

संयोजक अतुल सती का कहना है कि सरकार ने ढाक में 15 प्री फैब बनाए हैं, वह स्थान बहुत दूर है। जबकि जोशीमठ में पीएसी की भूमि जो सुरक्षित है, वहां प्री फैब बनाए जा सकते थे। उन्होंने बजट की बर्बादी का आरोप लगाया।

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