फ्री राशन, गेहूं-चावल पर गहराया संकट, एनएफएसए में राशन कार्ड बनवाने में यह हो रही दिक्कत
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले कई परिवार राशन कार्ड में नए सदस्य का नाम जुड़वाने के लिए परेशान हैं। दरअसल, करीब छह महीने से सफेद राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया बंद है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले कई परिवार राशन कार्ड में नए सदस्य का नाम जुड़वाने के लिए परेशान हैं। दरअसल, करीब छह महीने से सफेद राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है। पूर्ति विभाग का कहना है कि सफेद कार्ड बनाने की लिमिट पूरी हो चुकी है।
अब एक यूनिट जोड़ने की भी गुंजाइश नहीं बची है। नए राशन कार्ड के लिए करीब पांच हजार लोग वेटिंग में हैं। एनएफएसए के तहत दिसंबर 2023 तक गरीबों को मुफ्त अनाज की व्यवस्था है। उत्तराखंड में इसके तहत राशन कार्ड धारकों को एक किलो नौ सौ ग्राम गेहूं और तीन किलो एक सौ ग्राम चावल प्रति यूनिट मुफ्त दिया जा रहा है।
जनवरी 2023 से पहले ऐसे परिवारों को दो रुपये प्रति किलो गेहूं और तीन रुपये प्रति किलो चावल की दर से भुगतान करना होता था। लेकिन, राशन निशुल्क मिलने के बाद इसके लिए आवेदन भी बढ़ गए। लिहाजा, जिले का कोटा फुल हो गया। इस वक्त दून में करीब 1.20 लाख कार्डधारक इस योजना का लाभ ले रहे हैं। मार्च से सफेद राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद होने के कारण नए उपभोक्ताओं का कार्ड नहीं बन रहा है।
यह काम हो रहे प्रभावित
कार्ड नहीं बनने से आयुष्मान, बैंक, स्कूल-कॉलेज, कोर्ट-कचहरी, वोटर कार्ड, गैस कनेक्शन आदि काम नहीं हो रहे हैं।
एनएफएसए कार्ड के लिए जिले में जो टारगेट मिला था, वो पूरा हो चुका है। विभाग की ओर से पात्र लोगों के आवेदन जमा कराए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड का कोटा बढ़ाया जाएगा।
कैलाश कुमार अग्रवाल, जिला पूर्ति अधिकारी
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