पूर्व DGP बीएस सिद्धू पर चला धामी सरकार का चाबुक, वन भूमि कब्जाने में बने आरोपी
सिद्धू के पुलिस का मुखिया होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मामले के निस्तारण के लिए एसआईटी गठित की गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
देहरादून की ओल्ड मसूरी रोड वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की नौ बीघा जमीन फर्जीवाड़े से कब्जाने के मामले में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मामले में वर्ष 2013 में राजपुर थाने में दर्ज हुए मुकदमे में पूर्व डीजीपी को एसआईटी ने आरोपी बना लिया है।
उत्तराखंड में ऐसा पहली बार होगा कि पुलिस अपने पूर्व मुखिया के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल करेगी।बीएस सिद्धू पर उनके कार्यकाल के अंतिम दिनों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। आरोप थे कि उन्होंने वर्ष 2012 में ओल्ड मसूरी रोड पर वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की लगभग नौ बीघा जमीन को धोखाधड़ी से अपने नाम करा लिया था।
उस वक्त भी सिद्धू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रार्थनापत्र दिए गए। सिद्धू के पुलिस का मुखिया होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मामले के निस्तारण के लिए एसआईटी गठित की गई। एसआईटी में डीआईजी कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी को अध्यक्ष बनाते हुए आईपीएस अफसर सर्वेश पंवार को जांच अधिकारी बनाया गया।
सूत्रों ने बताया कि हाल में एसआईटी यूपी के मेरठ और हरियाणा के कई जिलों में जांच के लिए गई। मुकदमे की जांच में पूर्व डीजीपी सिद्धू समेत सात लोगों को आरोपी बना लिया गया है। इनके खिलाफ जल्द चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
मामले की जांच काफी तेजी से चल रही है। जो लगभग अंतिम चरण में है। जल्द ही जांच पूरी कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एपी अंशुमन,एडीजी कानून व्यवस्था
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