Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़30 lakh devotees visited Chardham in 50 days no tension limited number of offline registrations

चारधाम में 50 दिन में 30 लाख भक्तों ने किए दर्शन, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सीमित संख्या की भी नहीं टेंशन

चारधाम यात्रा की शुरुआत में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए  मुख्यमंत्री ने ठीक लोकसभा चुनाव के बीच व्यवस्थाओं की कमान अपने हाथ ली। अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया गया था।

Himanshu Kumar Lall देहरादून, हिन्दुस्तान, Mon, 1 July 2024 09:42 AM
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केदारनाथ-बदरीनाथ चारधाम यात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, एमपी समेत देश के कई राज्यों से चारधाम दर्शन करने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। चारधाम में 50 दिनों में अभी तक 30 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

10 मई को चार धामों के कपाट खुलने का सिलसिला प्रारंभ हुआ तो पहले दिन से भारी संख्या में देश-दुनिया से यात्री दर्शनों के लिए पहुंचे। चारधाम यात्रा की शुरुआत में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए  मुख्यमंत्री ने ठीक लोकसभा चुनाव के बीच व्यवस्थाओं की कमान अपने हाथ ली।

अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया गया था कि तीर्थ यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके बाद चारों धामों में यात्रा सुचारू रूप से चलने लगी। इस वर्ष 10 मई को कपाट खुलने से लेकर 30 जून तक लगभग 30 लाख श्रद्धालु चार धामों में आ चुके हैं। पिछले साल 22 अप्रैल को कपाट खुले।

पिछले साल यात्रा इस साल के लिहाज से 18 दिन पहले खुले थे। इस बार 30 जून तक ही लगभग 30 लाख यात्री पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष जनवरी से ही चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन को बैठकों के साथ ही स्थलीय निरीक्षण शुरू किया। अफसरों  को स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा को बेहद गंभीरता से लिया जाए।

10 मई को खुले थे कपाट
इस साल 2024 में चारधाम के कपाट 10 मई को तीर्थ यात्रियों के दर्शन के लिए खुले थे। देश के कई राज्यों से तीर्थ यात्रियों का हुजूम दर्शन करने के लिए चारों धामों में उमड़ पड़ गया था। शुरुआती दिनों में चारधाम यात्रा रूट पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी बनी रही थी। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सरकार की ओर से अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर ट्रैफिक कंट्रोल किया गया था। 

ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर भी लगी थी पाबंदी
चारधाम में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ को देखते हुए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर भी पाबंदी लगाई गई थी। सरकार की ओर से हरिद्वार और ऋषिकेश में प्रतिदिन 1500 ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी गई थी, जिसे बढ़ाकर 2000 कर दिया गया था। बाद में श्रद्धालुओं की मांग पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की लिमिट को समाप्त कर दिया गया। 

केदारनाथ हेली सेवा का संचालन ठप
मॉनसून में बारिश की अलर्ट के बाद केदारनाथ हेली सेवा संचालन को बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग की ओर से बारिश पर कई जिलों में अलर्ट भी जारी किया गया है। आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ हेली सेवा फाटा समेत तीन शहरों से संचालित होती है। लेकिन, केदारपुरी में पल-पल मौसम बदलता रहता है, जिससे पायलटों की भी परीक्षा होती है।

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