उत्तराखंड: 10 हजार शिक्षकों को मिलेगा नए ‘कोटिकरण’ का फायदा, पढ़िए फार्मूला
सरकारी स्कूलों के कोटिकरण का अनंतिंम खाका तय हो गया है। सरकार द्वारा तय नए फार्मूले के अनुसार प्रदेश के 2906 माध्यामिक, जूनियर और बेसिक स्कूल प्रभावित हुए हैं। इन स्कूलों को दुर्गम की श्रेणी में माना...
सरकारी स्कूलों के कोटिकरण का अनंतिंम खाका तय हो गया है। सरकार द्वारा तय नए फार्मूले के अनुसार प्रदेश के 2906 माध्यामिक, जूनियर और बेसिक स्कूल प्रभावित हुए हैं। इन स्कूलों को दुर्गम की श्रेणी में माना जाएगा। इन स्कूलों में पूर्व में सेवाएं दे चुके और वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों की संपूर्ण सेवाओं को दुर्गम की सेवा के रूप में जोड़ा जाएगा। करीब 10 हजार शिक्षकों को इस कोटिकरण से लाभ मिलेगा। बुधवार को शिक्षा विभाग के तबादला प्रक्रिया के नोडल अधिकारी एडी-बेसिक वीएस रावत ने कोटिकरण की संशोधित लिस्ट जारी की।
सभी सीईओ को अपने स्तर से लिस्ट के संशोधन को जांचने के लिए भी कहा गया है। यदि जिला स्तरीय अधिकारियों को कुछ और बदलाव की गुंजाइश महसूस होगी तो उसे संशोधित किया जाएगा। सीईओ से 10 मई तक हर हाल मेें अपने जिलों से रिपोर्ट देने को कहा गया है। कोटिकरण को अंतिम रूप सीईओ के प्रमाणपत्र के आधार पर दिया जाएगा। एडी-बेसिक के अनुसार हर सीईओ को अनंतिम कोटिकरण की ठीक से जांच पड़ताल करनी होगी। इसके बाद उन्हें ंप्रमाणपत्र देना होगा कि उनके जिले में सभी स्कूल, ऑफिस का कोटिकरण संशोधन किया जा चुका है। यह सूची सही हैं, साथ ही उसमें सभी कर्मियों का डाटा भी अपडेट कर दिया गया है। सीईओ को यह प्रमाणपत्र अपनी मुहर के साथ उपलब्ध कराना होगा।
यह है फार्मूला
कोटिकरण पर लंबे समय से जारी विवाद पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को ठोस कदम उठाने के लिए कहा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा सचिव आऱ मीनाक्षी सुंदरम ने 16 अप्रैल को कोटिकरण के लिए दो फार्मूले तय किए। इसके अनुसार पहला-वर्तमान में दुर्गम माने गए किसी भी स्कूल-ऑफिस को पूर्ण रूप से दुर्गम माना जाएगा। इससे पहले यदि कभी वो सुगम में रखा गया हो तो उसे निरस्त मान लिया जाए। दूसरा, वर्ष 2008 के कोटिकरण में सुगम और वर्ष 2013 व 2014 में दुर्गम माने गए सभी स्कूलों को पूर्ण रूप से दुर्गम ही माना जाएगा। दरअसल, शिक्षा विभाग ने समय-समय पर किए कोटिकरण में स्कूलों को कभी दुर्गम और सुगम बना दिया था। इससे शिक्षकों में काफी रोष भी था। नए फार्मूले से सीधा-सीधा 2900 से ज्यादा स्कूलों की सेवाएं सुगम से हटकर दुर्गम की हो जाएंगी।
दुर्गम हुए स्कूल
2054 बेसिक स्कूल अब हो जाएंगे दुर्गम
550 जूनियर स्कूलों में हुआ है बदलाव
301 माध्यमिक स्कूलों की श्रेणी भी बदली
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