खाने में थूकने पर धामी सरकार का होगा सख्त ऐक्शन, भारी जुर्माने का प्रावधान; मीट की दुकानों के लिए भी गाइडलाइन
- मीट विक्रेताओं के लिए भी हलाल या झटका का उल्लेख करना जरूरी कर दिया गया है। खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार की ओर से बुधवार को इस संदर्भ में आदेश किए गए। विदित है कि उत्तराखंड में हाल के दिनों में खाने में थूकने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
खाना पररोसते वक्त गंदगी या फिर उसमें थूकने पर अब पुष्कर सिंह धामी सरकार का सख्त ऐक्शन होगा। होटल, रेस्टोरेंट या किसी भी स्थल पर ग्राहकों को खाना परोसते समय थूकने या गंदगी फैलाने पर 25 हजार से लेकर 1 लाख तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
सभी जिला खाद्य संरक्षा अधिकारियों को अपने अपने क्षेत्रों में सघन चैकिंग अभियान और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखंड में खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए पहचान पत्र पहनना अनिवार्य कर दिया है।
साथ ही मीट विक्रेताओं के लिए भी हलाल या झटका का उल्लेख करना जरूरी कर दिया गया है। खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार की ओर से बुधवार को इस संदर्भ में आदेश किए गए। विदित है कि उत्तराखंड में हाल के दिनों में खाने में थूकने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
इसके बाद खाद्य संरक्षा विभाग की ओर से सभी खाद्य पदार्थ कारोबारियों के लिए एडवायजरी जारी की गई है। इसके तहत खाद्य पदार्थ बेचने वाले सभी कारोबारियों के लिए फोटो युक्त पहचान पत्र पहनना अनिवार्य किया गया है।
साथ ही उन्हें दुकान का लाइसेंस भी ग्राहकों को प्रदर्शित करना होगा। होटल, रेस्टोरेंट और रेहड़ी, ठेली के जरिए खाद्य पदार्थ बेचने के दौरान धूम्रपान, थूकने, बालों को टच करने और शरीर के अंगों को खुजाने वालों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इसके अलावा उत्तराखंड में किसी भी रूप में मीट बेचने वालों के लिए हलाल या झटका का उल्लेख करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सरकार सख्ती करेगी।
25 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक का जुर्माना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव व खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने विस्तृत एसओपी जारी कर दी है।
जिसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के साथ 25 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक का जुर्माना के प्राबधान किया गया है। आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा हाल के दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जूस एवं अन्य खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट एवं अन्य गन्दी चीजों की मिलावट के प्रकरण प्रकाश में आये हैं।
यह खाद्य सुरक्षा एव मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना व उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में स्वच्छता एवं सफाई सम्बंधी अपेक्षायें का अनुपालन करना भी अनिवार्य है।
स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से हो पालन
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा नियमों का पालन न करने वाले खाद्य करोबारियों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के प्राविधानों के तहत दण्डित किये जाने का प्राविधान है।
उन्होंने कहा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत आम जनता को शुद्ध, स्वच्छ एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत राज्य में संचालित होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, कैण्टीन, फूड वेन्डिंग एजेन्सीज, फूड स्टॉल, स्ट्रीट फूड वेण्डर्स इत्यादि द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु प्राविधान हैं।
जिसको लेकर टीमें लगतार छापेमारी अभियान चला रही हैं। सैंपलिंग भरी जा रही हैं जांच में दोषी पाये जाने वाले कारोबारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।