सूर्य ग्रहण 2024 पर खत्म होगा पितृ पक्ष- दो अक्तूबर को अमावस्या भी, क्या मान्य होगा सूतक काल?
- श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर मे शुरू हुआ था। उस दिन चंद्र ग्रहण भी था। श्राद्ध पक्ष 2 अक्तूबर को भाद्रपद मास की अमावस्या पर खत्म होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। जिन पूर्वजों की मृत्यु की सही तारीख पता न हो, उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है।
इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्तूबर 2024, बुधवार में लगेगा। 2 अक्तूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष भी समाप्त हो रहे हैं। इस बार श्रद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर में चंद्र ग्रहण से और समापन 2 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण के साथ हो रहा है।
लक्सर सांई मंदिर के पुजारी पं. अवनीश शर्मा ने बताया कि 2024 में 8 अप्रैल की रात 9.25 बजे से रात 1.12 बजे तक 4 घंटे 13 मिनट का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर की रात 3.13 बजे से रात 3.17 बजे तक लगेगा।
बताया इस बार श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर मे शुरू हुआ था। उस दिन चंद्र ग्रहण भी था। श्राद्ध पक्ष 2 अक्तूबर को भाद्रपद मास की अमावस्या पर खत्म होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। जिन पूर्वजों की मृत्यु की सही तारीख पता न हो, उनका श्राद्ध सर्व पितृ अमावस्या पर किया जाता है।
बताया कि श्राद्ध पक्ष का समापन 2 अक्टूबर बुधवार में हो रहा है। 2 अक्तूबर की रात 9.17 बजे से तड़के 3.14 बजे तक सूर्य ग्रहण लगेगा। हालांकि, इस सूतक काल नहीं होगा।
मान्य नहीं होगा इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल
ज्योतिषी पंडित संदीप पाराशर ने बताया कि धर्म शास्त्रत्तें के मुताबिक चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले और सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से इसके समापन तक का समय सूतक काल होता है। सूतक काल अशुभ माना गया है।
इसमें मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। मगर, जहां ग्रहण दिखाई न दे, वहां सूतक काल मान्य नहीं होता। इस बार 2 अक्तूबर का सूर्य ग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा। इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
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