केदारनाथ में शिव भक्त 15 दिन बाद पैदल मार्ग से करेंगे दर्शन, भारी बारिश के बाद हुआ था नुकसान
यात्रियों को सुरक्षा कर्मियों के साथ सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू कराने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को पैदल मार्ग में डेंजर जोन पर डीडीएमए लोनिवि द्वारा क्षतिग्रस्त मार्ग को आवाजाही के लिए तैयार किया गया है।
केदारनाथ में भारी बारिश के बाद हुए नुकसान के बाद अब तीर्थ यात्रियों के लिए गुड न्यूज है। बाबा केदार के दर्शन को श्रद्धालु आसानी से पहुंच पाएंगे। आपदा के ठीक 15 दिन बाद केदारनाथ पैदल मार्ग में यात्रियों का एक दल केदारनाथ धाम दर्शन के लिए निकला।
शिव भक्तों में दर्शन को लेकर काफी उत्साह भी दिखाई दिया। पुलिस-प्रशासन की ओर से तीर्थ यात्रियों के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं। तीर्थ यात्रियों के एक दल को जिला प्रशासन ने बाबा केदार के धाम को जाने की अनुमति दी है।
तीर्थ यात्रियों के दल के साथ सुरक्षा कर्मी भी भेजे गए है। हालांकि इस यात्री दल को ट्रायल के रूप में भेजा गया है। केदारनाथ धाम के लिए आपदा के 15 दिनों बाद प्रशासन ने यात्रियों को केदारनाथ जाने की अनुमति दे दी है।
यात्रियों को सुरक्षा कर्मियों के साथ सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए। केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू कराने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को पैदल मार्ग में डेंजर जोन पर डीडीएमए लोनिवि द्वारा क्षतिग्रस्त मार्ग को आवाजाही के लिए तैयार किया गया है।
उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग को पैदल आवाजाही के लिए तैयार किया गया है। हालांकि अभी कुछ स्थानों पर रेलिंग लगाने का काम शेष है। ट्रायल के रूप में शुक्रवार को एक दर्जन यात्री केदारनाथ भेजे गए है। जल्द ही और यात्रियों को भी केदारनाथ जाने दिया जाएगा।
पैदल मार्ग पर 260 मजदूरों ने 15 दिन के अंदर कड़ी मेहतन करके केदारनाथ पैदल मार्ग की मरम्मत की है। अधिकारियों का दावा कि जल्द ही कैदारनाथ पैदल मार्ग को और बेहतर बना लिया जाएगा। केदारनाथ मार्ग 29 स्थआनों पर काफी क्षतिग्रस्त हुआ था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मोनटेरिंग और मजदूरों ने 15 दिन में मार्ग को तैयार किया है।
अभी मार्ग में और काम भी किया जाना शेष है। दूसरी ओर शुक्रवार को खराब मौसम को देखते हुए कुछ यात्रियों को प्रशासन द्वारा सोनप्रयाग में ही रोका गया है जिन्हें मौसम ठीक होने पर केदारनाथ भेज दिया जाएगा।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर मलबे में तीन और शव मिले
केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिंचौली में रेस्क्यू दल ने मलबे में तीन शव बरामद किए हैं। आपदाग्रस्त पैदल मार्ग पर 15 दिनों में छह शव मिल चुके हैं। 31 जुलाई की रात को केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि के बाद कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ था।
बड़ी संख्या में यात्रियों ने भागकर जान बचाई थी। सरकार ने करीब 15 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने का दावा किया था। पैदल मार्ग पर लापता लोगों की तलाश में चल रहे सर्च अभियान के दौरान 15 अगस्त की शाम को लिंचौली में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को मलबे में तीन शव मिले।
एसडीएम ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि तीनों शवों को गौरीकुंड लाकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। शवों की शिनाख्त 21 वर्षीय सुमित शुक्ला पुत्र रामविशेक शुक्ला निवासी अर्चना इन्क्लेव गाजियाबाद और कृष्ण पटेल उर्फ पिंटू पुत्र लाल बहादुर निवासी जयपालपुर गाजियाबाद के रूप में हुई है। तीसरे शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिए थे कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ में भारी बारिश से हुए नुकसान के बाद अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए थे। उन्होंने प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को तीर्थ यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने को निर्देशित किया था। भारी बारिश के बाद फंसे श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया था।
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