उत्तराखंड में सड़क हादसों पर लगेगा लगाम, दुर्घटना संभावित स्थान होंगे चिह्नित
- संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने सभी आरटीओ को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें फरवरी के दूसरे हफ्ते तक सभी सड़कों का सर्वेक्षण करने और 28 फरवरी तक संवेदनशील स्थानों की सूची मुख्यालय भेजने को कहा है।
उत्तराखंड में सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिए संवेदनशील स्थानों को नए सिरे से चिह्नित किया जाएगा। परिवहन विभाग ने संवेदनशील स्थानों के मानक तय करते हुए सभी आरटीओ से रिपोर्ट मांगी है। नए मानकों में हर क्षेत्र का विभिन्न श्रेणियों में परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद अभियान चलाकर इन स्थानों को सुरक्षित किया जाएगा।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने सभी आरटीओ को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें फरवरी के दूसरे हफ्ते तक सभी सड़कों का सर्वेक्षण करने और 28 फरवरी तक संवेदनशील स्थानों की सूची मुख्यालय भेजने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार, चारधाम यात्रा से पहले ऐसे सभी स्थानों पर प्राथमिकता के साथ सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। मालूम हो कि राज्य में हालिया कुछ समय में सड़क हादसे बढ़े है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग को हादसों के कारण तलाशते हुए ठोस सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
इसके तहत परिवहन विभाग ने कवायद शुरू की है। यह पहला मौका जब परिवहन विभाग सड़कों पर बारीकी से हादसों के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करने जा रहा है। सड़क हादसों के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील राज्य है।
निर्माण एजेंसियों ने चिह्नित किए हैं ढाई हजार स्थान
परिवहन विभाग और सड़क निर्माण से जुड़ी एजेसियां समय-समय पर दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करती है। परिवहन विभाग सड़क हादसों में मौत की संख्या के आधार पर ब्लैक स्पॉट तय करता है।
राज्य में ऐसे 165 ब्लैक स्पॉट थे, जिनमें 32 पर काम बाकी है। लोनिवि के स्तर पर 1984, एनएच के 475, एनएचएआई के 97, बीआरओ के 77, एचआईडीसी के स्तर पर नौ स्थान दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील हैं। 2642 में से 1915 में सुधार कार्य हो जा चुका है। 725 पर होना बाकी है।
यह होंगे मानक
1. जिस सड़क की एक दिशा में 10 मीटर या इससे अधिक गहरी खाई हो। साथ ही खाई वाले ऐसे स्थान, जहां रेलिंग, क्रैश बैरियर और पैराफिट न लगाए गए हों।
2. कम चौड़ाई वाली संकरी सड़क, भूस्खलन प्रभावित सड़क और जहां पत्थर गिरने का खतरा रहता है, उन्हें प्राथमिकता से लिया जाएगा।
3. ऐसे घुमावदार मार्ग जहां पैराफिट और क्रैश बैरियर न लगे हों। सड़क पर तीखे और अंधे मोड़ हों। वहां पर रिफ्लेक्टर, सेवरॉन बोर्ड, रोड साइन न लगे हों।
4. तीव्र ढाल वाले स्थान, जहां पर कोई सूचना संकेत या रफ्तार कम करने के इंतजाम न हों। जिन पुलों पर दोनों ओर रेलिंग, पैराफिट न हों।
5. वन्यजीव बहुल क्षेत्रों से गुजरने वाले ऐसे सभी मार्ग, जहां पर सूचना देने वाले होर्डिंग न लगे हों। ऐसे स्थानों को भी चिह्नित किया जाएगा।
6. ऐसे क्रॉसिंग, रिहायशी इलाके, बस स्टॉप, टोल प्लाजा आदि स्थान जहां पर रात के समय रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था न हो। बिजली के खंबे, होर्डिंग आदि सुरक्षित तरीके से न लगे हों।
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