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उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे, वजह जान चौंक जाएंगे

  • देहरादून सबसे पिछड़ा, चमोली और हरिद्वार टॉप में वर्ष 2023 से वर्ष 2024 की तुलना में प्रवर्तन कार्रवाई में देहरादून सबसे अधिक पिछड़ा है। इस अवधि में यहां 30 फीसदी की कमी आई। देहरादून में 2023 में 2.06 लाख वाहनों के खिलाफ कार्रवाई हुई।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानSat, 18 Jan 2025 07:47 AM
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उत्तराखंड में बढ़ते सड़क हादसों और घटती प्रवर्तन कार्रवाई पर यातायात निदेशक नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला पुलिस कप्तानों को पत्र लिख सुधार का आदेश दिया है।यातायात निदेशालय से प्रदेश में वर्ष 2023-2024 में हुए हादसों और प्रवर्तन कार्रवाई की जिलावार तुलना कराई गई।

इस दौरान सामने आया कि 2023 के मुकाबले 2024 में कुल सड़क हादसों में 3.31 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। जबकि, प्रवर्तन (चालानी) कार्रवाई में 7.63 फीसदी कम रही। यातायात निदेशक ने अपने आदेश में इस स्थिति को चिंताजनक बताया। साथ ही, उन्होंने तत्काल चेकिंग बढ़ाने के निर्देश दिए।

देहरादून सबसे पिछड़ा, चमोली और हरिद्वार टॉप में वर्ष 2023 से वर्ष 2024 की तुलना में प्रवर्तन कार्रवाई में देहरादून सबसे अधिक पिछड़ा है। इस अवधि में यहां 30 फीसदी की कमी आई। देहरादून में 2023 में 2.06 लाख वाहनों के खिलाफ कार्रवाई हुई।

2024 में यह आंकड़ा 1.44 लाख तक रह गया। हालांकि, देहरादून की पुलिस ने बीते नवंबर माह में हुए ओएनजीसी चौक हादसे के बाद शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का ग्राफ बढ़ाया है। दूसरी तरफ, चमोली जिला पुलिस ने 2023 के मुकाबले 2024 में 18.61 फीसदी और हरिद्वार की पुलिस ने 18.74 फीसदी अधिक चालान किए।

ओवर स्पीड के कारण हो रहे हैं 85 सड़क हादसे

देहरादून यातायात निदेशालय की समीक्षा में सामने आया कि बीते वर्ष कुल 1747 सड़क हादसे ऐसे हुए जिनमें एक या इससे अधिक व्यक्ति की मौत हुई। इनमें 1488 सड़क हादसों की वजह ओवर स्पीड सामने आई। यानी, कुल हादसों में 85 फीसदी वाहनों के बेलगाम गति में चलने के कारण हादसे हुए।

सड़क हादसे में लापरवाही पर तय की जाए जिम्मेदारी

यातायात निदेशक ने जिला पुलिस कप्तानों को कहा कि हर सड़क दुर्घटना में गहनता से जांच की जाए। साथ ही, जांच में दुर्घटना का कारण भी स्पष्ट हो। किसी दुर्घटना में ऐसा कारण सामने आए कि प्रभावी प्रवर्तन कार्रवाई होने से उक्त हादसा रोका जा सकता था, तो संबंधित पुलिस अधिकारी को चिन्हित कर उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो।

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