रिटायर टीचर को डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ से ज्यादा की ठगी, इस नायब तरीके को जानकर पुलिस भी दंग
- आरोपी ने डरा-धमकाकर कहा कि आपके नाम से अरेस्ट वारंट निकला है, आपको 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही कहा कि मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है ऐसे में यदि घटना के बारे में किसी को बताया तो उन्हें जेल और पेनल्टी हो सकती है।
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रिटायर टीचर को डिजिटल अरेस्ट कर दो करोड़ रुपयों से साइबर ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के नए तरीकों को जानकर पुलिस भी हैरान रह गई। यह पूरा हैरान करने वाला मामला देहरादून में सामने आया है।
मनी लाड्रिंग के झांसे में फंसाकर साइबर ठगों ने देहरादून के रिटायर अध्यापक को नौ दिन तक डिजिटल अरेस्ट बताकर उनसे दो करोड़ 27 लाख रुपये हड़प लिए। आरोपियों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर पीड़ित को गिरफ्तारी का भय दिखाया।
साइबर थाना पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।चमन विहार निवासी महिपाल सिंह ने बताया कि उन्हें मुंबई साइबर क्राइम के नाम से फोन आया और इसके बाद सब इंस्पेक्टर बताकर विनोय कुमार चौबे से बात कराई गई।
आरोपी ने एक मुकदमे के संबंध में वीडियो कॉल पर बात करने को कहा। थोड़ी देर बाद विनोय कुमार ने वीडियो काल कर कहा कि आपके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें अपराध से संबंधित मनी लाड्रिंग का 20 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है।
आरोपी ने डरा-धमकाकर कहा कि आपके नाम से अरेस्ट वारंट निकला है, आपको 24 घंटे में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही कहा कि मामला नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ा है ऐसे में यदि घटना के बारे में किसी को बताया तो उन्हें जेल और पेनल्टी हो सकती है।
ठग ने कहा कि आप हमारी निगरानी में रहेंगे और हर तीन घंटे में व्हाट्सऐप पर अपनी उपस्थिति के मैसेज करने होंगे। 10 सितंबर को पुलिस अधिकारी बताकर आकाश कुल्हारी से बात करने को कहा।
डराने के लिए फर्जी नोटिस, दस्तावेज भी भेजे। ठगों ने पीड़ित से उनके सभी बैंक खातों की जानकारी ली और उनके कहे अनुसार 11 सितंबर से 17 सितंबर के बीच उनके खातों में दो करोड़ 27 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साथ ही डराया कि यदि लेनदेन गलत पाया जाता है तो घर की भी नीलामी की जाएगी। ठगों ने और धनराशि खाते में ट्रांसफर करने को कहा तब जाकर उन्हें ठगी का एहसास हुआ।
ये रखें सावधानी
- अगर आपको किसी अज्ञात नंबर से फोन आता है और वे खुद को पुलिस या अन्य सरकारी अधिकारी बताते हुए धमकाते हैं, तो कॉल को तुरंत काट दें।
-अगर कोई आपको लिंक या ऐप डाउनलोड करने के लिए कहता है तो बिल्कुल न करें।
- अपने बैंक खाते की जानकारी, पासवर्ड या अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें।
- अगर ऐसा कोई कॉल आता है, तो तुरंत परिवार या दोस्तों से संपर्क करें।
- अगर आप धोखे का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। 1930 पर कॉल करें।
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