धार्मिक पर्वों पर पाबंदी गलत, गांव के नाम बदलने पर भी बोले योग गुरु बाबा रामदेव
- भारत सनातन का देश है, राम, कृष्ण, हनुमान, शिव का देश है। इसमें सबका आदर है। कोई किसी से घृणा न करे। हिन्दुत्व किसी से घृणा नहीं करता। रामनवमी पर रविवार को पतंजलि योगपीठ में आयोजित कार्यक्रम में योगगुरु ने यह बात कही।

योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि धार्मिक पर्वों पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जानी चाहिए। धार्मिक पर्वों पर पाबंदी राजनीति से प्रेरित होकर वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए लगाई जाती है। योगगुरु ने उत्तराखंड सरकार की ओर से गांव के नाम बदले जाने का भी समर्थन किया।
भारत सनातन का देश है, राम, कृष्ण, हनुमान, शिव का देश है। इसमें सबका आदर है। कोई किसी से घृणा न करे। हिन्दुत्व किसी से घृणा नहीं करता। रामनवमी पर रविवार को पतंजलि योगपीठ में आयोजित कार्यक्रम में योगगुरु ने यह बात कही।
इस अवसर पर दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट), कृपालु बाग आश्रम तथा दव्यि योग मंदिर राममुलख दरबार का विलय किया गया। स्वामी रामदेव ने कहा कि 30 वर्ष पूर्व उन्होंने संन्यास ग्रहण किया था।
तब संस्थान का नाम दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) रखा था। बाद में पता चला कि योगेश्वर स्वामी राम लाल का संस्थान दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार पहले से ही है। यह अद्भुत संयोग ही है कि दोनों संस्थान आज एक हो गए।
योग की परम्परा को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए योगाचार्य स्वामी लाल महाराज ने यह आहुति रामनवमी के पावन अवसर पर पतंजलि योगपीठ को अर्पित की है। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने सभी देशवासियों को रामनवमी की शुभमानाएं दी।
पतंजलि वेलनेस फेस-टू स्थित योग भवन सभागार में रविवार को योगगुरु रामदेव का 31वां संन्यास दिवस नवरात्रि यज्ञ, वैदिक अनुष्ठान और कन्या पूजन के साथ संपन्न हुआ। आचार्य बालकृष्ण ने योगगुरु को माला पहनाकर शुभकामनाएं दी।
गांवों के नाम बदले जाने का समर्थन
रामदेव ने कहा कि पूरे भारत में सभी धर्मों के लिए समान कानून की व्यवस्था है। वक्फ कानून बनने से इस व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। कुछ राजनीतिक दल वक्फ कानून का विरोध वोटों की राजनीति के लिए कर रहे हैं। योगगुरु ने उत्तराखंड सरकार की ओर से गांव के नाम बदले जाने का भी समर्थन किया।
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