बारिश थमने पर उमस भरी गर्मी ने छुड़ाए पसीने, मसूरी में विंटरलाइन देखने को उमड़े टूरिस्ट
- विंटरलाइन कही जाने वाली लाल रेखा को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी आते हैं। यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है।
पहाड़ों की रानी मसूरी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां प्रकृति के अनेक रूप पर्यटकों को अपनी ओर खींच ले आते हैं। इसी क्रम में हर बार की तरह इस बार भी मसूरी से विंटरलाइन दिखने लगी है।
सोमवार शाम मसूरी से बादलों के बीच विंटरलाइन का दीदार होने से पर्यटक उत्साहित दिखे। हर कोई इस नजारे को अपने कैमरे में कैद करता नजर आया। मसूरी से दून घाटी के ऊपर शाम के वक्त सीधी लाल रेखा दिखाई देती है।
विंटरलाइन कही जाने वाली लाल रेखा को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी आते हैं। यह रेखा धूल के कणों से बनती है, जो शाम के समय धूल के अधिक ऊपर उठने के कारण इस पर पड़ने वाली सूरज की किरणों से चमक उठती है।
धूल के कण जितने अधिक होते हैं, विंटरलाइन भी उतनी ही अधिक गहरी बनती है। यह रेखा अक्तूबर से दिसंबर तक दिखाई देती है, लेकिन इस बार सितंबर में ही विंटरलाइन के दीदार होने लगे हैं।
इसी क्रम में पर्यटन को प्रोत्साहन के तहत पिछले तीन-चार साल से सरकार विंटरलाइन कार्निवाल कराती आ रही है। मसूरी में जैसे ही सर्दियां दस्तक देती हैं, विंटरलाइन नारंगी, गुलाबी और बैंगनी तो कभी गहरे लाल रंग में चमक उठती है। मसूरी दून वैली से 6000 फीट ऊपर है।
पर्यटकों की भीड़
देश के मैदानी इलकों में बारिश का दौर थमने के साथ ही कई शहरों में तापमान में इजाफा होने लगा है। दिल्ली, एनसीआर, यूपी, हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से टूरिस्ट भारी उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों की ओर रुख कर रहे हैं। मसूरी, नैनीताल आदि पर्यटक स्थलों में टूरिस्टों की भीड़ देखने को मिल रही है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।