Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़MBBS students 87 percent victims of stress experts expressed concern over pressure of studies in research

MBBS के 87% छात्र तनाव के शिकार, शोध में पढ़ाई का दबाव सहित इन बातों पर एक्सपर्ट ने जताई चिंता

  • मूल रूप से झारखंड के सरायकेला खरसवा की रहने वालीं डॉ. सुप्रिया सिंह ने दो बैच के 300 एमबीबीएस छात्रों में से 228 पर ‘बीएमआई और पर्सीव्ड स्ट्रेस में संबंध’ विषय पर शोध किया।

Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तानTue, 8 April 2025 07:51 AM
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MBBS के 87% छात्र तनाव के शिकार, शोध में पढ़ाई का दबाव सहित इन बातों पर एक्सपर्ट ने जताई चिंता

देहरादून दून मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र पढ़ाई के दबाव में तनाव का शिकार हो रहे हैं। फिजियोलॉजी विभाग की पीजी चिकित्सक डॉ. सुप्रिया सिंह के शोध में यह चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। कॉलेज के दो बैच के प्रथम वर्ष के छात्रों पर किए गए शोध में 87.3 फीसदी छात्र-छात्राएं तनावग्रस्त मिले हैं।

वहीं 38.1 फीसदी का बीएमआई अधिक मिला। वह ओवरवेट और मोटापे का शिकार मिले। इसके पीछे गलत खानपान, फिजिकल एक्टिविटी से दूरी, समय से नहीं खाना, पढ़ाई का दबाव, कम नींद, ज्यादा देर बैठने, घर से दूर रहने, लगातार क्लासेज, भविष्य की चिंता कारण रहे हैं।

छात्रों को अच्छा खाना समय से खाने, व्यायाम, मेडिटेशन, योगा, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों समेत अन्य फिजिकल एक्टिविटी अपनाने और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता की सलाह दी गई है।

मूल रूप से झारखंड के सरायकेला खरसवा की निवासी पीजी चिकित्सक डॉ. सुप्रिया सिंह ने दो बैच के प्रथम वर्ष के 300 एमबीबीएस छात्रों में से 228 पर बीएमआई और पर्सीव्ड स्ट्रेस में संबंध विषय पर शोध किया गया।

एचओडी डॉ. एएन सिन्हा, डॉ. ओमना चावला एवं डॉ. अंकिता जुयाल की देखरेख में 107 छात्र एवं 121 छात्राओं पर शोध किया गया। स्ट्रेस का लेवल (पीएसएस यानि पर्सीव्ड स्ट्रेस स्केल) हर छात्र-छात्रा से दस सवालों के आधार पर मिले जवाबों की स्कोरिंग के आधार पर तय किया गया। इसमें उनकी जिंदगी, समस्याओं एवं उनके सामना करने से जुड़े सवाल थे।

बीएमआई के लिए उनकी लंबाई और वजन मापा गया। 228 में से 29 लो, 171 मॉडरेट और 28 हाई स्ट्रेस में मिले। 46 फीसदी यानि 105 का बीएमआई सामान्य मिला। 15.8 फीसदी 36 का वजन कम मिला। 38.1 फीसदी का बीएमआई अधिक मिला यानि 87 ओवरवेट थे। इनमें से आधे से ज्यादा 58 मोटापे का शिकार मिले।

विवि से मिला बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड

डॉ. सुप्रिया सिंह के शोध को एचएनबी मेडिकल विवि की ओर से बेस्ट रिसर्च पेपर डॉ. एमसी पंत अवार्ड से नवाजा गया है। वहीं नेशनल जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी, फार्मेसी एवं फार्माकोलॉजी में भी शोध प्रकाशित हुआ है। दीक्षांत समारोह में वह किन्हीं कारणों से शामिल नहीं हो सकी। प्राचार्य डॉ. गीता जैन एवं एचओडी डॉ. एएन सिन्हा ने उनको विवि की तरफ से 21 हजार का चैक, अवार्ड और उपाधि प्रदान की।

लड़कियों में ज्यादा मोटापा और तनाव

आंकड़ों में सामने आया कि 109 लडकियां और 90 लड़के तनाव में मिले, जबकि ओवरवेट एवं मोटापे का शिकार भी 48 लडकियां, 39 लड़कों की अपेक्षा ज्यादा थी।

सबसे ज्यादा 20 से 22 साल की उम्र के

शोध में 53.1 फीसदी लड़के थे। वहीं 40.4 फीसदी 17 से 19 साल की उम्र के थे। 56.6 फीसदी 20 से 22 और 3.1 फीसदी 23 से 25 साल के थे। केवल तीन छात्राएं और नौ छात्र जिम, वेट ट्रेनिंग एवं डांस जैसी एक्टिविटी में शामिल मिले।

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