गणित-विज्ञान की पढ़ाई को सबसे ज्यादा वक्त मिलेगा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह तैयारी
- हर साल किस विषय की अनिवार्य रूप से कितने घंटे पढ़ाई कराई जाएगी, इसका पूरा खाका तय किया गया है। निदेशक-अकादमिक प्रशिक्षण एवं शोध वंदना गर्ब्याल के अनुसार राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या में हर कक्षा में पढ़ाई के स्तर और महत्व के आधार पर समय तय किया गया है।
्रारष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए व्यावहारिक ज्ञान के साथ गणित, विज्ञान और व्यावसायिक शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या में प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक विषय तो तय किए ही गए हैं, साथ ही उनकी पढ़ाई के लिए समय भी तय करने की सिफारिश की गई है।
हर साल किस विषय की अनिवार्य रूप से कितने घंटे पढ़ाई कराई जाएगी, इसका पूरा खाका तय किया गया है। निदेशक-अकादमिक प्रशिक्षण एवं शोध वंदना गर्ब्याल के अनुसार राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या में हर कक्षा में पढ़ाई के स्तर और महत्व के आधार पर समय तय किया गया है।
सूत्रों के अनुसार अधिकांश विषयों के लिए नियमित रूप में 40 मिनट का वक्त तय है। लेकिन कुछ विषयों को 80 मिनट तक देने की सिफारिश की गई है। जूनियर स्तर पर विज्ञान और सामाजिक विज्ञान को अधिक समय देने पर जोर दिया गया है। माध्यमिक स्तर पर गणित, विज्ञान के लिए सर्वाधिक घंटे दिए गए है। इस स्तर पर रोजगार से जुड़े विषय को भी प्राथमिकता दी गई है।
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