शांत माहौल में लिखने का है मन, तो आ जाइए उत्तराखंड; 'लेखक गांव' में मिलेंगी सभी मॉडर्न सुविधाएं
Writers Village: देहरादून में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से 'राइटर्स विलेज' यानी 'लेखक गांव' का लोकार्पण किया।
उत्तराखंड ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। देहरादून में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से 'राइटर्स विलेज' यानी 'लेखक गांव' का लोकार्पण किया। देहरादून से 24 किलोमीटर दूर सुरम्य हिमालयी क्षेत्र में स्थित थानो गांव से इसकी शुरुआत हुई है। यह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के दिमाग की उपज है, जो खुद एक प्रतिष्ठित लेखक हैं।
क्या है खास
इस गांव की अवधारणा से लेकर उसका विकास निशंक ने किया है। उनका दावा है कि इस गांव में लेखकों को अपनी कृतियों के सृजन के लिए जरूरी शांत और रचनाशील वातावरण मिलेगा। इस मौके पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव-2024’ के दौरान निशंक द्वारा लिखी गयी राइटर्स विलेज की पहली रचना ‘हिमालय में राम’ पुस्तक का भी विमोचन किया गया।
पूर्व राष्ट्रपति ने की तारीफ
पूर्व राष्ट्रपति ने 'राइटर्स विलेज' को लेखकों, कवियों, साहित्यकारों और अन्य रचनाकर्मियों द्वारा महसूस की जा रही व्यावहारिक कठिनाइयों का निवारण करने की ओर एक अभिनव पहल बताया और इसके लिए निशंक की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड में स्थित यह पहला लेखक गांव अपनी विशिष्टता के कारण भविष्य में टूरिस्ट डेस्टिनेशन गंतव्य बनकर उभरेगा।
लेखकों के लिए सुनहरा मौका
राज्यपाल ने कहा कि यह मंच उन लेखकों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपने शब्दों के माध्यम से समाज को नयी राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अनेक विद्वान लेखकों की जन्मभूमि रही है और लेखक गांव के वातावरण में सृजनशीलता का प्रवाह अनेक लेखकों और कवियों को प्रेरित करेगा।
वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदियों से रचनात्मकता का अद्भुत केंद्र रही है और यहां के पहाड़ों की विशालता, गंगा की पवित्रता और अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य ने लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा प्रदान करने का काम किया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि लेखक गांव के महोत्सव में देश-विदेश से जुटे साहित्यकार और कलाकार अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकेंगे ।
क्या-क्या मिलेंगी सुविधाएं
निशंक ने बताया कि राइटर्स विलेज में लेखन कुटीर, संजीवनी वाटिका, नक्षत्र और नवग्रह वाटिका, लाइब्रेरी, आर्ट गैलरी, ऑडिटोरियम, योग-ध्यान केंद्र, डिस्कशन सेंटर, गंगा और हिमालय का मनमोहक म्यूजियम, रेस्टोरेंट आदि सभी व्यवस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि लेखक गांव में आकर लेखक एक ही जगह पर प्रकृति, संस्कृति और ज्ञान-विज्ञान से साक्षात्कार कर विविध विषयों पर नए दृष्टिकोण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 65 से अधिक देशों के लेखन, कला और संस्कृति से जुड़े लोग इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हो रहे हैं जिनमें से 40 देशों से लोग यहां आए हैं। इनमें देश और दुनिया से आए छात्र भी शामिल हैं जो लेखकों से जुड़ना चाहते हैं।
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