कैलाश मानसरोवर यात्रा: 6 साल बाद तीर्थ यात्री करेंगे दर्शन, ऐसे होगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
तीर्थ यात्रियों के जत्थों में से पांच बैच, उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे के रास्ते से, जबकि 10 बैच सिक्किम में नाथू ला दर्रे के रास्ते से जाएगी। लिपुलेख दर्रे से होकर जाने पर 22 दिन और नाथू ला दर्रे से होकर 21 दिन का समय लगेगा।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। छह साल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा दोबारा शुरू होने वाली है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से यह यात्रा संचालित की जाएगी।
तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर की यात्रा छह वर्ष के बाद फिर से इस साल 2025 में शुरू होगी। विदेश मंत्रालय ने यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना भी शुरू कर दिया है। वार्ता की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त के दौरान आयोजित की जाएगी।
इस वर्ष 50-50 यात्रियों के कुल 15 बैच जाएंगे। तीर्थ यात्रियों के जत्थों में से पांच बैच, उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे के रास्ते से, जबकि 10 बैच सिक्किम में नाथू ला दर्रे के रास्ते से जाएगी। लिपुलेख दर्रे से होकर जाने पर 22 दिन और नाथू ला दर्रे से होकर 21 दिन का समय लगेगा।
विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए बनी विशिष्ट वेबसाइट “केएमवाईएन डॉट जीओवी डॉट आईएन (kmvn.gov.in)पर रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। तीर्थ यात्रियों का चयन आवेदकों में से एक निष्पक्ष, कंप्यूटर-जनित, यादृच्छिक और लिंग-संतुलित चयन प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।
यात्रा की खर्च के बारे में वेबसाइट में बताया गया है कि उत्तराखंड वाले मार्ग के लिए लगभग एक लाख 74 हजार रुपये तथा सिक्किम के रास्ते से जाने वालों के लिए दो लाख 83 हजार रुपये प्रति यात्री का शुल्क लिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यात्रा के चयन तक ऑनलाइन आवेदन के साथ शुरू होने वाली पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत प्रक्रिया है। इसलिए, आवेदकों को जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्र या फैक्स भेजने की आवश्यकता नहीं है।
तीर्थ यात्री वेबसाइट पर प्रतिक्रिया विकल्पों का उपयोग जानकारी प्राप्त करने, टिप्पणियों को पंजीकृत करने या सुधार के लिए सुझाव देने के लिए किया जा सकता है। वेबसाइट पूरी तरह से काम कर रही है।
तीर्थ यात्रियों के लिए यह राहत भरी खबर
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर भी सामने आई है। उत्तराखंड के रास्ते से जाने वाले यात्रियों को अब पैदल नहीं चलना पड़ेगा। लिपुलेख दर्रे तक सड़क बन गई है। तीर्थ यात्रियों को केवल बॉर्डर पार करने के लिए करीब एक किलोमीटर ही चलना होगा।
उत्तराखंड सरकार की भी तैयारी
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यात्रा के शुरू होने से पहले ही सरकार की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सड़क, स्वास्थ्य, बिजली, पानी आदि बुनयादी सुविधाओं को दुरुस्त किया गया है। यात्रियों को किसी भी पेरशानी से बचाने के लिए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जबकि, यात्रा रूट पर अतिरिक्त डॉक्टरों और पुलिस फोर्स की तैनाती का भी फैसला लिया गया है।
30 जून से शुरू होगी यात्रा
छह साल के लंबे इंतजार के बाद इस साल 2025 में कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने जा रही है। यात्रा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है। कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून से शुरू होगी। उत्तराखंड में केएमवीएन की ओर से यात्रा का संचालन किया जाएगा।
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