अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी खेल विश्वविद्यालय में बन सकेंगे कुलपति, अनुभव से लेकर यह है पूरी गाइडलाइन
- आपत्तियों के आधार पर सरकार ने संशोधित अध्यादेश विधायी विभाग को भेज दिया है। विभाग इसे राजभवन भेजेगा। खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, क्रीड़ा प्रशासन या प्रबंधन में व्यापक अनुभव रखने वाले व्यक्ति या अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ी को पहले पात्र माना गया था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभवी खिलाड़ी उत्तराखंड के प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय के कुलपति बन सकेंगे। क्रीड़ा प्रशासन एवं प्रबंधन में 10 साल का अनुभव भी अनिवार्य किया गया है। विवि की कार्यपरिषद में राज्यपाल द्वारा नामित एक सदस्य भी रहेगा।
मानसून सत्र में पारित खेल विश्वविद्यालय विधेयक को राजभवन ने कुछ आपत्तियां लगाते हुए लौटा दिया था। कुलपति की नियुक्ति के मानक में ढिलाई और कार्यपरिषद में सदस्य नामित करने का अधिकार न रखने पर राजभवन विधेयक से सहमत नहीं था।
आपत्तियों के आधार पर सरकार ने संशोधित अध्यादेश विधायी विभाग को भेज दिया है। विभाग इसे राजभवन भेजेगा। खेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, क्रीड़ा प्रशासन या प्रबंधन में व्यापक अनुभव रखने वाले व्यक्ति या अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ी को पहले पात्र माना गया था।
व्यापक अनुभव शब्द पर राजभवन को आपत्ति थी। राजभवन ने समयावधि तय करने को कहा था। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राजभवन के संदेश-सुझाव के अनुसार खेल विश्वविद्यालय के अध्यादेश में संशोधन कर दिए गए हैं। अध्यादेश को राजभवन को प्रेषित करने के लिए इसे विधायी विभाग को दे दिया गया है।
योग्यता में संशोधन किया
अब योग्यता में संशोधन किया गया है। उत्कृष्ट शैक्षिक रिकॉर्ड के साथ विवि प्रणाली में आचार्य एवं निदेशक शारीरिक शिक्षा, वरिष्ठतम क्रीड़ा प्रशासक अथवा प्रबंधक के रूप में 10 साल का अनुभव जरूरी होगा। ऐसे ख्यातिप्राप्त खिलाड़ी जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अनुभव हो, वे भी पात्र होंगे।
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