बाबा केदार के दर्शन को और कितना इंतजार, सड़क के बाद अब हेली सेवा भी ठप
- एक ओर पैदल मार्ग से यात्रियों का आवागमन बंद है वहीं यात्रियों की हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचने की आस भी मौसम रोक रहा है। केदारनाथ में रह रहे लोग भी यात्री न होने से मायूस दिखे। हालांकि दोपहर बाद लोगों को मौसम खुलने की उम्मीद थी जिससे यह संभावना जताई जा रही है
केदारघाटी में बीते दो दिनों से मौसम काफी खराब है। अधिकांश समय घाटी में बारिश और कोहरा लगा है जबकि आसमान में बादल छाए हैं। सोमवार के बाद मंगलवार को भी हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाए। ऐसे में केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों को दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
एक ओर पैदल मार्ग से यात्रियों का आवागमन बंद है वहीं यात्रियों की हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचने की आस भी मौसम रोक रहा है। केदारनाथ में रह रहे लोग भी यात्री न होने से मायूस दिखे। हालांकि दोपहर बाद लोगों को मौसम खुलने की उम्मीद थी जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि सांय के दौरान केदारनाथ हेलीकॉप्टर से कुछ यात्री पहुंच सके।
जिला पर्यटन अधिकारी और हेली नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि खराब मौसम के कारण हेली उड़ाने प्रभावित हो रही है। दो दिनों से खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर कंपनियों को मुश्किलें उठानी पड़ी।
मोटर मार्ग बंद होने से ग्रामीण परेशान
पिछले दो दिनों से देवाल खेता मोटर मार्ग सुयालकोट में लगातार पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया। इससे घाटी का सम्पर्क ब्लॉक मुख्यालय से कटा है। लोनिवि के लिए भूस्खलन क्षेत्र में सड़क को सुचारू रखना चुनौती बना है। लोनिवि के सहायक अभियंता जगदीश टम्टा ने कहा कि लगातार मलबा गिरने से परेशानी हो रही है।
भूस्खलन संभावित कमेड़ा में जेसीबी लगाई
गैरसैंण में आज से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए भूस्खलन संभावित जगहों पर पर सतर्कता बरती जा रही है। देहरादून से आते हुये सड़क सुचारू रहे, इसके लिए कमेड़ा में दो जेसीबी मशीनों को तैनात किया गया है। जो चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगी। वहीं, जिले में मंगलवार को 33 ग्रामीण सडकें मलबा, बोल्डर आने से अवरुद्ध रहीं।
जिससे प्रभावित गांवों के लोगों को दिक्कत उठानी पड़ रही है। बदरीनाथ हाइवे पागल नाला और गुलाब कोटी में मलबा-बोल्डर आने से चार घंटे बाधित रहा। गैरसैंण में बुधवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। गौचर के कमेड़ा में सड़क भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्द किशोर जोशी ने बताया कमेड़ा में दो जेसीबी मशीन तैनात रहेंगी। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक बारिश से चमोली जिले में 31 ग्रामीण सड़कें मलबा आने से बाधित रहीं।
बदरीनाथ हाइवे गुलाबकोटी और पागल नाला पर मंगलवार सुबह छह बजे मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया था। जिसे सुबह दस बजे खोला गया। मंगलवार को चमोली जिले में 33 ग्रामीण सड़कें बंद रहीं। सबसे अधिक पीएमजीएसवाई कर्णप्रयाग के दोनों डिवीजनों की 11 सड़कें बंद रहीं।
कई सड़कें लंबे समय से बंद जिले की कई ग्रामीण सड़कें लंबे समय से बाधित हैं। कुंडी सड़क सात अगस्त को भूस्खलन से वॉश आउट हो गई थी। जिसे अभी तक नहीं खोला जा सका। पोखरी हरिशंकर सडक आठ अगस्त से अवरुद्ध है। हाफला गुडम नैल सड़क 15 अगस्त से बंद है।
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