ऐसे कैसे धुएं के बिना घर में बनेगा खाना! नहीं मिल रहे प्रधानमंत्री उज्ज्वला के नए कनेक्शन; महिलाओं को टेंशन
- अपर आयुक्त पीएस पांगती ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले यानी मार्च से प्रदेश में उज्ज्वला कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। इस बाबत केंद्र सरकार से कोई गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है।
उत्तराखंड में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के नए कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। करीब छह महीने से प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है। कनेक्शन नहीं मिलने के कारण जरूरतमंद परिवार परेशान हैं। केंद्र सरकार के उज्ज्वला योजना 2016 में शुरू हुई थी।
उत्तराखंड में इसके करीब 4.50 लाख कनेक्शन हैं। इसमें से करीब 54 हजार कनेक्शन देहरादून में हैं। योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे जरूरतमंद परिवारों को घरेलू गैस कनेक्शन मुफ्त दिया जाता है।
इसके बाद रिफिलिंग पर 300 रुपये सब्सिडी मिलती है। अपर आयुक्त पीएस पांगती ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले यानी मार्च से प्रदेश में उज्ज्वला कनेक्शन नहीं मिल रहे हैं। इस बाबत केंद्र सरकार से कोई गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है।
कुछेक को छोड़कर अन्य जिलों में लक्ष्य पूरा
अपर आयुक्त पीएस पांगती ने बताया कि उज्ज्वला योजना के लिए जिलों को मिला लक्ष्य 100 फीसदी हो चुका है। कुछ पहाड़ी जिले जैसे पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी आदि में लक्ष्य पूरा करना बाकी है। इन जिलों में भी 80 से 90 फीसदी का लक्ष्य पूरा है। उन्होंने बताया कि योजना के शुरू होते ही सर्वप्रथम इन जिलों को वरीयता दी जाएगी। इसके बाद अन्य जिलों में आवेदनों का आकलन होगा।
ऑनलाइन दर्ज नहीं किए जा रहे आवेदन
जिला पूर्ति अधिकारी कैलाश अग्रवाल ने बताया कि उज्ज्वला योजना के लिए लोगों के आवेदन लगातार आ रहे हैं, लेकिन इसका आंकड़ा मिलना मुश्किल है। एक बार योजना के लिए आवेदन करने पर संबंधित महिला को सामान्य कनेक्शन नहीं मिल पाएगा। उनका नाम ऑनलाइन दर्ज कर दिया जाता है।
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