Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Free treatment to ex servicemen dependents in Uttarakhand facility will be available in AIIMS Rishikesh

उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों-आश्रितों को फ्री इलाज, एम्स ऋषिकेश में मिलेगी सुविधा

  • इस समझौते से उत्तराखंड के अलावा यूपी के आसपास क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिक और आश्रित भी इस उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकेंगे। इस मामले में ईसीएचएस के निदेशक ने बताया कि यह पहल उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तानSat, 8 March 2025 08:59 AM
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उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों-आश्रितों को फ्री इलाज, एम्स ऋषिकेश में मिलेगी सुविधा

उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को ऋषिकेश एम्स में कैशलेस उपचार की सुविधा मिलेगी। एक्स-सर्विसमैन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम यानी ईसीएचएस के जरिए यह सुविधा दी जाएगी।

उत्तराखंड में पूर्व सैनिक और उनके आश्रितों की संख्या लाखों में है। इन्हें अभी तक ईसीएचएस के तहत एम्स ऋषिकेश में कैशलेस उपचार नहीं मिल पाता था। इससे पूर्व सैनिकों को काफी समस्याएं थी।

सेना ने इसका समाधान निकाला है। ईसीएचएस देहरादून और ऋषिकेश एम्सके बीच आज एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे, जिसमें उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल प्रेम राज और एम्स ऋषिकेश के कार्यकारी निदेशक और सीईओ शामिल होंगे। इस समझौते के तहत पूर्व सैनिकों और आश्रितों को ऋषिकेश एम्स में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।

इस समझौते से उत्तराखंड के अलावा यूपी के आसपास क्षेत्रों में रहने वाले पूर्व सैनिक और आश्रित भी इस उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा का लाभ ले सकेंगे। इस मामले में ईसीएचएस के निदेशक ने बताया कि यह पहल उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

दून अस्पताल में एक क्लिक पर मिलेगा मरीज का ब्योरा

देहरादून मेडिकल कॉलेज में ई-हॉस्पिटल सॉफ्टवेयर का नया वर्जन ‘नेक्स्ट जेन’ शुरू होने से सहूलियतें बढ़ गई हैं। अब मरीज के पर्चे पर ही डॉक्टर का नाम और ओपीडी-डे लिखे होंगे। डॉक्टर कहां बैठते हैं, यह भी दर्ज होगा। वे दूसरे डॉक्टर की आईडी पर मरीज को भर्ती नहीं कर सकेंगे। यही नहीं, इससे पता चलेगा कि डॉक्टर ने कितने मरीज देखे और कितने भर्ती किए।

इसके अलावा ओटी मॉड्यूल भी शुरू हो गया है, जिसमें ऑपरेशन से जुड़ा सारा ब्योरा उपलब्ध रहेगा। नोडल अधिकारी डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक, फार्मेसी, भंडारण मॉड्यूल भी जल्द जोड़ा जाएगा, ताकि दवाओं का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो सके। शुक्रवार को सॉफ्टवेयर बार-बार हैंग होता रहा। इस कारण ओपीडी, इमरजेंसी समेत आईपीडी में मरीजों के पर्चे और बिलिंग के साथ भर्ती और डिस्चार्ज में दिक्कतें आईं।

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