जुर्माना बढ़ा और डीएल सस्पेंड, फिर भी नहीं हेलमेट; ट्रैफिक नियम तोड़ने की क्या वजह?
- वर्ष 2019 में हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 100 रुपये का चालान होता था। लगातार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों के लिए नियम सख्त किए। जुर्माना की राशि दस गुना बढ़ाकर एक हजार रुपये की गई।
सख्त नियमों के बाद भी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना राशि बढ़ने के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी सस्पेंड किया जाता है, पर कुछ चालक बाज नहीं आ रहे हैं। परिवहन विभाग ने जिले में एक साल में हेलमेट-सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 21 हजार चालकों के चालान किए हैं, उनके डीएल तक तीन महीने के लिए सस्पेंड किए गए हैं।
वर्ष 2019 में हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 100 रुपये का चालान होता था। लगातार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों के लिए नियम सख्त किए। जुर्माना की राशि दस गुना बढ़ाकर एक हजार रुपये की गई। इसके साथ ही तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी सस्पेंड किया जाता है।
सहयात्री के लिए भी जरूरी है हेलमेट
आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि दोपहिया वाहन चालक के साथ बैठे सहयात्री के लिए हेलमेट आईएसआई मार्का होना चाहिए।
वाहन चलाते समय फोन पर कर रहे बात
दो साल पहले हाईकोर्ट ने ऐसे चालक जो वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं, उनके मोबाइल जब्त करने के आदेश थे, लेकिन यह सख्ती कुछ ही दिन चल पाई। एक साल में इसमें1004 चालान किए गए हैं।
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