Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Father served country wearing khaki and son got shot by police killed in encounter during Haridwar jewelery robbery

पिता ने खाकी पहन देश सेवा की और बेटे के हिस्से में आई पुलिस की गोली, हरिद्वार ज्वेलरी लूट में एनकाउंटर में ढेर

  • नशे की लत में सतेंद्र इस कदर डूबा कि उसने जरायम पेशे को ही अपना लिया। यहां से उसकी जिंदगी ऐसी बदली कि दिल्ली पुलिस का हिस्सा बनने से दूर होता चला गया। जरायम पेशे से जुड़ चुके सतेंद्र को पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी के आरोप में दबोचा

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, हरिद्वार, कुणाल दरगनWed, 18 Sep 2024 10:29 AM
share Share

पिता ने वर्दी पहनकर परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया था लेकिन बेटे के हिस्से में खाकी की गोली आई। परिवार की लाडले को वर्दी में देखने की इच्छा थी लेकिन उसके जरायम की दुनिया के दलदल में फंसने से उनका यह ख्वाब अधूरा रह गया। 

यहां बात हरिद्वार पुलिस से हुई मुठभेड़ में ढेर हुए एक लाख के इनामी अपराधी सतेंद्र पाल उर्फ लक्की की हो रही है। आरोपी की पारिवारिक पृष्ठभूमि सामने आने पर पुलिस के अफसर भी सन्न रह गए।

श्रीबालाजी ज्वेलर्स शोरूम में एक सितंबर को डाका डालने के आरोपी सतेंद्र पाल सिंह उर्फ लक्की के सिर से महज ढाई साल की उम्र में पिता का साया छिन गया था। दिल्ली पुलिस में बतौर कांस्टेबल रहे पिता राजपाल की स्वभाविक मौत हो गई थी। 

पिता की मौत के बाद तीन बहनों के इकलौते भाई सतेंद्र पाल को ही मृतक आश्रित के तौर पर दिल्ली पुलिस का हिस्सा बनना था लेकिन कम उम्र में ही गलत संगत के फेर में पड़कर सतेंद्र ने नशे की राह चुन ली। 

नशे की लत में सतेंद्र इस कदर डूबा कि उसने जरायम पेशे को ही अपना लिया। यहां से उसकी जिंदगी ऐसी बदली कि दिल्ली पुलिस का हिस्सा बनने से दूर होता चला गया। जरायम पेशे से जुड़ चुके सतेंद्र को पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी के आरोप में दबोचा, फिर जेल से जमानत पर छूटने के बाद उसने अपनी राह नहीं बदली। 

एक बार फिर से नशा तस्करी में उसकी गिरफ्तारी हुई। अब उसकी संगत महज जरायम पेशेवरों से ही नहीं बल्कि छोटे अपराध को अंजाम देने वाले गैंगों से भी हुई। करीब चार साल पहले उसकी दोस्ती दिल्ली के शातिर अपराधी सुभाष कराटे से परवान चढ़ी, उसके प्लॉन के तहत डकैती कांड में नंबर दो की पोजीशन संभाली। 

आखिर में पुलिस से उलझने पर पुलिस की गोली से उसका सीधा सामना मौत से ही हुआ। पुलिस सूत्रों की मानें तो आज भी उसकी मृतक आश्रित कोटे से भर्ती होने की अर्जी दिल्ली पुलिस मुख्यालय में धूल फांक रही है, जो अब हमेशा के लिए बंद हो जाएगी।

गोली मार देने की दी धमकी

श्रीबालाजी ज्वेलर्स शोरूम डकैती कांड को अंजाम देने वाले गैंग में भी एक बारगी फूट पड़ गई थी लेकिन गैंग लीडर सुभाष और मृतक सतेंद्र पाल के खौफ के आगे बाकी तीन सदस्यों ने सरेंडर कर दिया।

दादा की मौत पर भी नहीं किया घर का रुख

बेहद शातिर गैंग लीडर सुभाष कराटे ने एक अर्से से घर छोड़ा हुआ है। एक सितंबर को बेटे के डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद उसका पिता नंदकिशोर भी घर से फरार हो गया था। इसी बीच 12 सितंबर को गैंग लीडर के दादा की एक ट्रेन हादसे में मौत हो गई। चूंकि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि सुभाष की सरगर्मी से तलाश दिल्ली पुलिस भी कर रही है, ऐसे में उसने घर का रुख ही नहीं किया।

मोबाइल फोन नहीं रखता कुख्यात सुभाष

मझा हुआ अपराधी सुभाष भली भांति जानता है कि मोबाइल फोन का दूसरा नाम खतरे की घंटी है। ऐसे में वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं करता है। बताते हैं कि वारदात को अंजाम देने के बाद मुक्तसर पंजाब पहुंचा था।

जहां मृतक सतेंद्र के घर पहुंचकर उसकी मां के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर उससे संपर्क साधा था। वारदात में शामिल रहे आरोपियों को पचास-पचास हजार की रकम दी थी, जबकि दो-दो लाख 12 तारीख को देना तय था। पुलिस मुठभेड़ में ढेर इनामी सतेन्द्र की पारिवारिक पृष्ठभूमि जानकर पुलिस हैरत में

दिल्ली पुलिस भी नहीं दबोच पाई

हरिद्वार। गैंग लीडर सुभाष ने जब वर्ष 2021 में दिल्ली में पचास लाख की लूट को अंजाम दिया था, तब से उसका कोई अता-पता नहीं है। बेहद हाईटेक मानी जाने वाली दिल्ली पुलिस भी उस तक नहीं पहुंच पाई। बताते हैं कि उसने अपने पुराने मुकदमों की पैरवी के लिए तारीख पर कोर्ट तक जाना छोड़ दिया। पारिवारिक मामले की बात करें तो पत्नी से तलाक को लेकर विवाद कोर्ट में विचाराधीन है, उसकी पैरवी के लिए भी उसने आना मुनासिब नहीं समझा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख