उत्तराखंड में धामी सरकार ने ट्रांसफर पर लिया बड़ा फैसला, खत्म कर दी अधिकतम सीमा
- अब हर संवर्ग में अनिवार्य स्थानांतरण के तहत पात्रता सूची में आने वाले कर्मचारी-शिक्षकों के तबादले होंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दुर्गम से सुगम क्षेत्र में उतनी संख्या में स्थानांतरण किए जाएंगे, जितने सुगम से दुर्गम क्षेत्र में होंगे।

उत्तराखंड में धामी सरकार ने इस बार प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों की अधिकतम सीमा खत्म कर दी है। इस दफा ट्रांसफर ऐक्ट के हिसाब से पात्रता सूची में आने वाले कर्मचारियों के अनिवार्य रूप से तबादले किए जाएंगे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिश पर मंगलवार को कार्मिक विभाग के अपर सचिव डाॅ. ललित मोहन रयान ने इस संबंध में आदेश जारी किए। उत्तराखंड में ट्रांसफर ऐक्ट के अनुसार, 10 जून तक हर हाल में कर्मचारियों और शिक्षकों के तबादले किए जाने अनिवार्य हैं।
इससे पहले सरकार तबादलों की एक अधिकतम सीमा तय करती थी, पर वर्ष 2025-26 में यह सीमा खत्म कर दी गई है। अब हर संवर्ग में अनिवार्य स्थानांतरण के तहत पात्रता सूची में आने वाले कर्मचारी-शिक्षकों के तबादले होंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दुर्गम से सुगम क्षेत्र में उतनी संख्या में स्थानांतरण किए जाएंगे, जितने सुगम से दुर्गम क्षेत्र में होंगे।
स्थानांतरण से पूर्व प्रतिस्थानी की व्यवस्था सुनिश्चित होने के बाद ही संबंधित कार्मिक के तबादला आदेश जारी होंगे। दुर्गम से स्थानांतरित कार्मिक तभी कार्यमुक्त किया जाएगा, जब उसकी जगह प्रतिस्थानी कार्यभार ग्रहण करने को कार्यस्थल पर उपस्थित होगा, ताकि दुर्गम-सुगम में कार्मिकों की संख्या में परस्पर संतुलन बना रहे।
विधवाओं को प्रमोशन में दुर्गम से रियायत
राज्य सरकार ने एक अभिभावक (विधवा/विधुर) और शहीदों /बलिदानियों की विधवाओं को अनिवार्य स्थानांतरण के साथ ही पदोन्नति में भी दुर्गम में तैनाती से छूट देने का प्रावधान किया है। इसके साथ ही दांपत्य नीति की श्रेणी में आने वाले कार्मिकों का स्थानांतरण करते समय वरिष्ठता/ वेतनमान, दुर्गम में की गई सेवा एवं रिक्त की उपलब्धता का ध्यान भी रखने के निर्देश दिए। वहीं अनुरोध के आधार पर किए जाने वाले तबादलों पर भत्ता देय नहीं किया जाएगा।
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