उत्तराखंड में अब 5 लाख सैलरी वालों की मौज, मिलेंगे सस्ते आवास; धामी कैबिनेट का बड़ा फैसला
उत्तराखंड में पीएम आवास योजना के तहत अब पांच लाख रुपये सालाना आय वाले व्यक्तियों को भी दुर्बल श्रेणी के आवास मिल सकेंगे। कैबिनेट ने राज्य की नई आवास नीति को मंजूरी देते हुए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आय की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है।
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उत्तराखंड में पीएम आवास योजना के तहत अब पांच लाख रुपये सालाना आय वाले व्यक्तियों को भी दुर्बल श्रेणी के आवास मिल सकेंगे। कैबिनेट ने राज्य की नई आवास नीति को मंजूरी देते हुए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आय की सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है। सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक पीएम आवास योजना में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के आवास के लिए सालाना तीन लाख रुपये आय का मानक था, लेकिन इसमें बदलाव करते हुए इस आय सीमा को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है। इस श्रेणी के आवासों की कीमत नौ लाख रुपये तक होगी।
निम्न आय वर्ग और निम्न मध्यम आय वर्ग के लिए आय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई नीति के अनुसार आवासीय परियोजनाओं को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें शत प्रतिशत दुर्बल वर्ग के लिए आवास वाली योजना को दुर्बल आय वर्ग परियोजना कहलाएगी। 15 प्रतिशत आवास दुर्बल वर्ग के लिए बनाने वाली परियोजना को किफायती आवास योजना के नाम से जाना जाएगा। इन श्रेणियों के तहत आवास के निर्माण के लिए आवासीय भूखंड तक बिजली आपूर्ति, जलापूर्ति,सड़क निर्माण जैसे आधारभूत संरचनाओं पर होने वाले खर्च की शत प्रतिशत पूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
बाखली निर्माण पर निवेशक को प्रोत्साहन
नई आवास नीति में मैदान के साथ ही पहाड़ पर भी आवास निर्माण के लिए प्रोत्साहन देने को मंजूरी दी गई है। इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में बाखली श्रेणी के आवास बनाने पर विकास कर्ता को जमीन खरीदने पर स्टांप शुल्क नहीं देना होगा। इसके अतिरिक्त भूमि क्रय करने पर पंजीकरण शुल्क भी अधिकतम पांच सौ रूपए होगा। बाखली आवास का अधिकतम मूल्य 12 लाख रुपए होगा। राज्य सरकार ने लाभार्थियों को मिलने वाली सब्सिडी में भी वृद्धि कर दी है, अब उन्हें सब्सिडी के रूप दो लाख रुपये मिलेंगे।
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