Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Demand to remove reservation from the post of Mayor of Almora Municipal Corporation, know what HC said?

अल्मोड़ा नगर निगम की पूर्व अध्यक्ष बोलीं- मेयर पद को नियम विरूद्ध आरक्षित किया, जानिए HC ने क्या कहा?

  • याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि इस सीट पर ओबीसी की जनसंख्या पांच प्रतिशत से भी कम है जबकि देहरादून और हल्द्वानी नगर निगम में ओबीसी की जनसंख्या सबसे अधिक है।

Sourabh Jain वार्ता, नैनीताल, उत्तराखंडThu, 16 Jan 2025 10:19 PM
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा नगर निगम चुनाव में आरक्षण के मामले में कांग्रेस नेता और अल्मोड़ा नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष शोभा जोशी को गुरुवार को हाई कोर्ट से एकबार फिर झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने निकाय चुनावों के बीच आरक्षण के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है और साथ ही जोशी की अपील को भी खारिज कर दिया है।

शीत अवकाश के बीच जोशी की अपील पर जस्टिस आलोक वर्मा की पीठ में गुरुवार को सुनवाई हुई। अपीलकर्ता की ओर से एकलपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया कि एकलपीठ ने विगत 10 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी कर अल्मोड़ा नगर निगम के अध्यक्ष पद पर आरक्षण के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।

अपीलकर्ता ने अदालत को बताया कि सरकार ने अल्मोड़ा नगर निगम के मेयर पद को नियम विरूद्ध तरीके से अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस सीट पर ओबीसी की जनसंख्या पांच प्रतिशत से भी कम है जबकि देहरादून और हल्द्वानी नगर निगम में ओबीसी की जनसंख्या सबसे अधिक है।

ऐसे में नियमावली के अनुसार देहरादून और हल्द्वानी नगर निगमों को अतिरिक्त पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित घोषित किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने आगे बताया कि इन दोनों निगमों के मेयर पदों को अनारक्षित घोषित किया गया है। जो कि संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है।

इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट को कहा गया कि प्रदेश में निकाय चुनावों अंतिम चरण में हैं। आगामी 23 जनवरी को वोट डाले जाने हैं। जिसके बाद अदालत ने इस स्तर पर चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अपील को खारिज कर दिया। अब इसके बाद अपीलकर्ता के पास उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का रास्ता बचा है।

यहां बता दें कि अपीलकर्ता की ओर से इससे पहले इस मामले को एक याचिका के माध्यम से उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। याचिका में अल्मोड़ा नगर निगम के मेयर पद को अनारक्षित घोषित करने की मांग की गई थी। जस्टिस राकेश थपलियाल की पीठ ने बीती 10 जनवरी को अंतरिम आदेश जारी कर निकाय चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था।

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