उत्तराखंड में इसी साल होगा हिमालयी राज्यों का सम्मेलन, समस्याओं और नीतियों पर जमकर होगा मंथन
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बीती 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में उन्होंने यह सुझाव रखा था। उन्होंने बताया, उत्तराखंड सरकार इसी साल हिमालयी राज्यों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ में मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में इसी साल हिमालयी राज्यों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसमें हिमालयी राज्यों के मुद्दों और उनके लिए अलग नीति बनाने की वकालत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश के हिमालयी राज्यों की परिस्थितियां भी अलग हैं और समस्याएं भी। इन राज्यों के लिए अलग से और क्षेत्रीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जानी चाहिए।
धामी ने बताया कि बीती 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में उन्होंने यह सुझाव रखा था। उन्होंने बताया, उत्तराखंड सरकार इसी साल हिमालयी राज्यों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
इसमें संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलने वाले सुझाव नीति आयोग के समक्ष रखेंगे। साथ ही केंद्र से हिमालयी राज्यों के परिप्रेक्ष्य में विशिष्ट नीतियां बनाने का आग्रह किया जाएगा। समागम में जलसंवर्द्धन के सवाल पर सीएम ने बताया कि प्रदेश में सूख चुके छह हजार से ज्यादा जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने का फैसला लिया गया है।
इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी(सारा) का गठन किया है। उन्होंने कहा, भूजल स्तर बढ़ाने के साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार की ओर से हो रहे प्रयासों के साथ जनसहयोग भी जरूरी है।
इस मौके पर सीएम ने ‘हिन्दुस्तान’ के ‘संकल्प आत्मनिर्भर उत्तराखंड का’ के आवरण पृष्ठ का विमोचन भी किया। इसका प्रकाशन राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर किया जाएगा।
चमोली से पिथौरागढ़ तक जल्द बनेगी सुरंग
मुख्यमंत्री ने बताया कि चमोली और पिथौरागढ़ को जोड़ने के लिए जल्द ही टनल परियोजनाओं पर काम शुरू होगा। तीस किलोमीटर लंबी यह टनल बनने से पिथौरागढ़ की जोहार घाटी, चमोली के लप्थल से जुड़ जाएगी।
केंद्र सरकार इन परियोजनाओं को लेकर काम कर रही है और निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार को भेजे पत्र में पिथौरागढ़ से चमोली को जोड़ने के लिए टनल परियोजना को मंजूर करने का अनुरोध किया था।
साथ ही पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग (व्यास घाटी) से बेदांग के बीच पांच किलोमीटर की टनल और वेदांग से गो व सिपु तक सुरंग परियोजनाओं के निर्माण का अनुरोध किया था। सीएम ने कहा कि ये सुरंगें बनने से सीमांत जिलों के बीच कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी। इससे जनता को भी राहत मिलेगी। साथ ही पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
हाइड्रो के साथ सोलर एनर्जी पर फोकस
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइड्रो के साथ ही सोलर एनर्जी पर फोकस किया जाएगा। राज्य की रुकी हुई 21 लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश और नए उद्योग स्थापित होने से ऊर्जा जरूरतें लगातार बढ़ रही हैं। वर्तमान में राज्य की ऊर्जा खपत, उत्पादन से अधिक है। ऐसे में ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्य में सोलर प्रोजेक्ट के विकास के साथ सरकारी कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा, इन्वेस्टर्स समिट में आए निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के क्रम में भविष्य में बिजली की ज्यादा मांग को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रयास कर रही है।
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