उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दायित्व बंटवारे में धमक,खनन का मुद्दा भी शांत
- पिछले दिनों लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खनन का मुद्दा उठाने से भाजपा में गुटीय सक्रियता नजर आने लगी थी। हालांकि सरकार के स्तर पर खनन में पारदर्शिता और लगातार बढ़ते राजस्व का ब्योरा प्रकाश में लाने से विवाद कुछ कमजोर पड़ गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा खनन के मुद्दे पर उठाए सवालों से भाजपा में उपजी विवाद की लहरें फिलहाल शांत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर मजबूत होकर उभरे हैं।
इस हफ्ते पार्टी के 38 पार्टी नेताओं को विभिन्न आयोग, परिषद समितियों में बांटे गए दायित्वों में धामी की एकछत्र धमक साफ नजर आई। धामी ने फ्री हैंड के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को दायित्वों से नवाजा है। हालिया दायित्व वितरण के बाद से भाजपा में स्थितियां सामान्य दिखाई देने लगी हैं।
मालूम हो, पिछले दिनों लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के खनन का मुद्दा उठाने से भाजपा में गुटीय सक्रियता नजर आने लगी थी। हालांकि सरकार के स्तर पर खनन में पारदर्शिता और लगातार बढ़ते राजस्व का ब्योरा प्रकाश में लाने से विवाद कुछ कमजोर पड़ गया था। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के सरकार के तीन साल की बधाई संदेश के आते हे विवाद पूरी तरह शांत हो गया।
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में धामी की तारीफ करते हुए राज्य सरकार के सुशासन और पारदर्शिता पर मुहर लगाई है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि अपनी विरासत पर गर्व के भाव के साथ आगे बढ़ता हुआ उत्तराखंड विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। नई पहचान के साथ उत्तराखंड आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण में अहम् भूमिका निभाएगा। ठोस कार्य योजना के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, परिवहन एवं पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
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