उत्तराखंड में गोल्डन कार्ड में हुआ बदलाव, फ्री इलाज के लिए करना होगा यह काम
- मुख्य वजह यह है कि इलाज पर पहले अपने पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कई बार बजट के अभाव में इलाज अटक जाता है। ऐसे में गोल्डन क

उत्तराखंड में पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड योजना में फिर शामिल करने से पहले रजामंदी ली जाएगी। पेंशनर्स की मांग को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण इस संदर्भ में कार्रवाई शुरू करने जा रहा है।
दरअसल, 40 हजार के करीब पेंशनर्स ने खामियों के चलते गोल्डन कार्ड योजना छोड़ दी थी। लेकिन अब कैशलेस इलाज की सुविधा बंद होने की वजह से उनको परेशानी हो रही है।
इसलिए पेंशनर्स ने नए सिरे से गोल्डन कार्ड योजना में शामिल होने की इच्छा जताई है। लेकिन, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अब इस मामले में जल्दबाजी में नहीं है। सूत्रों के अनुसार, क्योंकि पेंशनर्स ने हाईकोर्ट में मामला दायर कर योजना छोड़ने का विकल्प मांगा था।
दोबारा इस योजना में शामिल करने से पहले इस पर उनकी रजामंदी ली जाएगी, ताकि बार-बार विवाद की स्थिति न बने। यह योजना छोड़ने वाले पेंशनर्स के लिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति की व्यवस्था है, लेकिन कई पेंशनर्स इसमें होने वाली देरी से भी खुश नहीं हैं।
मुख्य वजह यह है कि इलाज पर पहले अपने पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कई बार बजट के अभाव में इलाज अटक जाता है। ऐसे में गोल्डन कार्ड योजना में वे शामिल होना चाह रहे।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत कहते हैं कि पेंशनर्स संगठनों की ओर से बार-बार योजना में शामिल होने की मांग की जा रही है। सरकार को भी उसमें कोई परेशानी नहीं है। लेकिन इससे पहले पेंशनर्स से विचार-विमर्श किया जाएगा। उनकी राय के आधार पर ही इस संदर्भ में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने निजी अस्पताल में पहुंचकर जाना मरीजों का हाल
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत मंगलवार शाम को श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यहां भर्ती कई मरीजों का हाल चाल पूछा। उन्होंने प्राइवेट अस्पताल के विभिन्न वार्डों का राउंड किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने मरीज ध्यान सिह और यशवंत के परिजनों से बात की। श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता ने डॉक्टरों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए।
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