भगवान ‘भोले’ के दर्शन को अब नहीं टेंशन, भूस्खलन के बाद सोनप्रयाग से केदारनाथ 17 हजार श्रद्धालु भेजे; रहें सावधान
- केदारानाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई है। सोनप्रयाग से 17 हजार श्रद्धालुओं को भगवान ‘भोले’ के दर्शन को भेजा गया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया है।
उत्तराखंड में बारिश का दौर थमने के बाद तीर्थ यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। बदरीनाथ, यमुनोत्री समेत चारों धामों में दर्शन को तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग चीड़बासा में आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया गया है।
सोनप्रयाग से 17 हजार तीर्थयात्रियों को केदारनाथ भेजा गया। आपको बता दें कि भूस्खलन के बाद यात्रा को रोक दिया गया था। यात्रा रूट पर संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की मौजूदगी में यात्रियों की आवाजाही कराई गई।
बता दें कि शनिवार सुबह चीड़बासा के पास पैदल मार्ग ध्वस्त होने से सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए शनिवार को यात्रियों की आवाजाही रोक दी थी। जबकि लोनिवि डीडीएमए द्वारा मार्ग को ठीक करने का काम शुरू किया गया। बड़ी संख्या में मजदूरों की टोली को काम पर लगाते हुए रविवार तक मार्ग सुचारु किया गया।
सोनप्रयाग और सीतापुर में पहले से ही मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे यात्रियों ने जैसे ही मार्ग खुलने की खबर सुनी तो वे उत्साहित हो गए। सोनप्रयाग में बड़ी संख्या में यात्री पंजीकरण केंद्र के साथ ही पुलिस बैरियर पर पहुंच गए। इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रियों की आवाजाही कराई।
कोतवाली निरीक्षक सोनप्रयाग देवेंद्र असवाल ने बताया कि यात्रा सुचारु चल रही है। रविवार को 17 हजार यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। जहां भूस्खलन का खतरा है वहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की मौजूदगी में यात्रियों की आवाजाही हो रही है।
बदरीनाथ में भगवान को 3 समय चढ़ाया जाता है भोग
बदरीनाथ धाम में भगवान बदरीनाथ विशाल के भोग प्रसाद की विशिष्ट परम्परा है। भगवान बदरीनाथ विशाल को प्रात 8.30 पर लगने वाले बाल भोग में खीर भोग, दोपहर 12.30 पर लगने वाले महाभोग में चावल भात, चना अरहर की दाल, केशर भात और रात्रि में शयन आरती के समय दूध भात का भोग लगाया जाता है।
रात में शयन आरती के समय दूध भात अर्पित किया जाता है। दिन में लगाए गए महाभोग के बाद प्रसाद के रूप में चावल भात, केशर भात और दाल को प्राप्त करना सौभाग्य माना जाता है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार और बदरीनाथ में डिमरी पुजारी ज्योतिष डिमरी का कहना हैं कि भगवान बदरीनाथ के भोग प्रसादम की तरह पवित्र चरणामृत की भी विशिष्ट पवित्रता और मान्यता है।
दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हेमकुंड
जोशीमठ सिखों के तीर्थ श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा अब जल्द शीतकालीन अवकाश के लिए बंद होने जा रही है। दस अक्तूबर को दोपहर दो बजे प्रकाशोत्सव के साथ पंच प्यारों की अगुवाई में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को दरबार साहब से सचखंड में रखने के साथ ही इस यात्रा वर्ष की समाप्ती हो जाएगी।
बीते शनिवार तक तक लगभग दो लाख 25 हजार तीर्थ यात्री श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर चुके हैं। बरसात रुकते ही एक बार फिर से घांगरिया की वादियों में जो बोले सो निहाल के जयघोष गुंजायमान होने लगे हैं, जिससे गोविन्दघाट, पुलना, भ्यूंडार, घांघरिया के व्यवसायियों में खुशी की लहर है।
स्थानी निवासी संजय चौहान और गिरीश चौहान का कहना है कि बरसात के बाद फिर से भ्यूंडार घाटी सिख यात्रियों से गुलजार हो उठी है। गोविन्दघाट गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि ट्रस्ट को उम्मीद है कि इस वर्ष की यात्रा के शेष बचे 18 दिन बचे हैं।
उम्मीद जताई जा रही है कि 20 हजार से अधिक तीर्थ यात्री हेमकुंड के दर्शन के लिए पहुंचेंगे और 10 अक्तूबर को कपाट बंद होने वाले दिन लगभग ढाई हजार तीर्थ यात्री हेमकुंड में मौजूद रहेंगे। हेमकुंड में गुनगुनी ठंड शुरू होने के कारण हेमकुंड दर्शन को आने वाले यात्रियों का स्वागत गुरुद्वारा कमेटी की ओर से किया जा रहा है।
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