टूरिस्टों के साथ परिंदों को भी खूब भा रही सरोवर नगरी, नैनीताल में दिखाई दिए कई दुर्लभ पक्षी
- वन विभाग की मदद से 10 से ज्यादा संस्थानों की देखरेख में राज्य के सभी 13 जिलों में पक्षियों की गणना की गई। पक्षी गणना कार्यक्रम से जुड़े नितिन कुमार राघव ने बताया कि राज्य में पहली बार उच्च पर्वतीय इलाके, भाबर, मैदानी व जलीय स्थलों पर पक्षियों की गणना की गई।
पूरी दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात नैनीताल, उत्तराखंड में पक्षियों का भी पसंदीदा स्थान है। यह बात बीती 16 और 17 नवम्बर को राज्य के हर जिले में पहली बार हुई पक्षी गणना में सामने आई है।
दूसरे स्थान पर देहरादून और तीसरे पर पौड़ी गढ़वाल जिला रहा है। गणना के दौरान कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी देखे गए हैं। इससे वन विभाग के अधिकारी भी उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे राज्य में पक्षी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
वन विभाग की मदद से 10 से ज्यादा संस्थानों की देखरेख में राज्य के सभी 13 जिलों में पक्षियों की गणना की गई। पक्षी गणना कार्यक्रम से जुड़े नितिन कुमार राघव ने बताया कि राज्य में पहली बार उच्च पर्वतीय इलाके, भाबर, मैदानी व जलीय स्थलों पर पक्षियों की गणना की गई।
इस दौरान सबसे ज्यादा 251 प्रजातियां नैनीताल जिले में पाई गईं। जबकि देहरादून में 238 और पौड़ी गढ़वाल जिले में पक्षियों की 192 प्रजातियां मिली हैं। राज्य में ये पक्षी भी दिखे गणना में पेरेग्रीन फाल्कन, ऑस्प्रे, इजिप्शियन वल्चर, बीर्डिड वल्चर, ग्रेट हॉर्नबिल,कॉमन ग्रीन मैगपाई, ब्लैक-क्रेस्टेड बुलबुल, वॉलक्रीपर, हिमालयन रूबीथ्रोट, लॉन्ग-बिल्ड थ्रश, स्कार्लेट फिंच, माउंटेन स्कॉप्स-आउल, कॉलर्ड आउलेट आदि पक्षी भी नजर आए।
गणना के दौरान दिखे दुर्लभ पक्षी
गणना के दौरान प्रमुखत ऑस्प्रे,बीर्डिड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, ग्रेट हॉर्नबिल, कॉमन ग्रीन मैगपाई, ब्लैक-क्रेस्टेड बुलबुल, वॉलक्रीपर, हिमालयन रूबीथ्रोट,लॉन्ग-बिल्ड थ्रश, कॉलर्ड आउलेट, स्कार्लेट फिंच, माउंटेन आउल आदि पक्षी भी नजर आए। राज्य की आर्द्रभूमियों में
बहुत से शीतकालीन प्रवासी पक्षी भी दिखे। डॉ.मोहन ने भी देवप्रयाग और गौचर के पास कुछ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पक्षी गणना में हिस्सा लिया। यहां उन्हें दुर्लभ पक्षी पैरेग्रिन फेल्कन, स्पॉटेड नटक्रैकर दिखाई दिए। बर्ड वॉचरों को भी दुर्लभ प्रजातियां ग्रे क्राउन्ड
प्रिनिया, चीड़ फेजेंट, पलास फिश ईगल, आइबिसबिल, येलो रम्प्ड हनीगाइड, ग्रेट स्लेटी वुडपैकर, साउदर्न नटक्रैकर, येलो-बिल्ड चफ, वैरीगेटेड लाफिंगथ्रश आदि नजर आईं।
उत्तराखंड में मिलते हैं देश के आधे से ज्यादा पक्षी
देश भर में जितने प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, उनकी आधे से ज्यादा प्रजातियां उत्तराखंड में पाई जाती हैं। देश-दुनिया से पक्षी प्रेमी इन्हें देखने के लिए हर साल उत्तराखंड आते हैं। पक्षी विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में वर्तमान में पक्षियों की 1364 प्रजातियां पाई गई हैं। इनमें से अकेले उत्तराखंड में 729 प्रजातियां चिह्नित की गई हैं। यह आंकड़ा तब है, जब उत्तराखंड में पक्षी गणना से कई इलाके अछूते रहे हैं।
पक्षी गणना कार्यक्रम से राज्य में पक्षी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ)
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