Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़After heavy rains traffic stopped on 150 roads including Badrinath Highway Kedarnath Yamunotri nh

भारी बारिश के बाद बदरीनाथ हाईवे समेत 150 सड़कों पर आवाजाही ठप, केदारनाथ-यमुनोत्री का क्या हाल?

  • विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को राज्य में बारिश की वजह से 49 मार्ग बंद हुये तथा 52 मार्ग रविवार से बंद चल रहे थे। कुल 101 बंद सड़कों में से 53 मार्गों को खोल दिया गया है। शेष 48 मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तानMon, 26 Aug 2024 06:54 PM
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उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश की वजह से राज्य में 150 से अधिक सड़कें बंद चल रही हैं। बदरीनाथ हाईवे भी बंद है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री हाईवे भी भूस्खलन के बाद बंद हो गया है।

इस वजह से लोगों को यातायात में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों के लगातार बंद होने की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन भी प्रभावित हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन और न्यूनीकरण केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 150 के करीब सड़कें बंद चल रही हैं। 

जिसमें लोनिवि के साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और ग्रामीण विकास विभाग की सड़कें भी शामिल हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लोनिवि की 48 सड़कें बंद हैं। लोनिवि के तहत राज्य के मुख्य मार्ग आते हैं। 

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को राज्य में बारिश की वजह से 49 मार्ग बंद हुये तथा 52 मार्ग रविवार से बंद चल रहे थे। कुल 101 बंद सड़कों में से 53 मार्गों को खोल दिया गया है। शेष 48 मार्ग खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। 

लोनिवि की रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख रूप से बंद सड़कों में चार राज्य मार्ग, चार मुख्य जिला मार्ग, दो अन्य जिला मार्ग एवं 38 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता डी के यादव ने बताया कि बंद सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बंद सड़कों को खोलने के निर्देश भी विभाग की ओर से दिए गए हैं।

कड़ाकोट की सड़क बंद, खड़ा हुआ खाद्यान्न संकट

नारायणबगड़ के कड़ाकोट पट्टी के 12 से अधिक गांवों को जोड़ने वाला नारायणबगड़-परखाल-रैंस-चोपता-भटियाणा मोटरमार्ग 20 अगस्त को भारी बारिश के कारण भंगोटा के समीप और चलियापाणी गांव के निकट टूटने के कारण सम्पूर्ण पट्टी का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क कट गया है। 

जिस कारण कड़ाकोट पट्टी के दर्जनों गांवों में खाद्यान्न समेत आवश्यक वस्तुओं का संकट उत्पन्न हो गया है। ग्राम प्रधान भंगोटा भूपेंद्र मेहरा ने बताया कि भंगोटा गांव के समीप हर वर्ष सड़क टूटने के कारण विभाग के द्वारा हर साल सड़क खोलने के लिए अंदर की तरफ मिट्टी खोदनी पड़ती है। लगातार मिट्टी काटने से भूस्खलन होने से गांव को भी अब खतरा पैदा हो रहा है। 

ग्राम प्रधान चोपता पृथ्वी सिंह नेगी ने बताया कि बीते दिनों हुई भारी बारिश से सड़क टूटने के कारण गांव का ब्लॉक मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। आदर्श प्राथमिक विद्यालय और इंटर कालेज का रास्ता टूटने के कारण स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल आ-जा रहे है। आंगनबाड़ी का संचालन रास्ता खराब होने के कारण अब पंचायती भवन में किया जा रहा है। 

पूर्व कनिष्ठ प्रमुख नारायणबगड़ दलवीर सिंह रावत ने बताया कि मोटरमार्ग के बंद होने से सम्पूर्ण कड़ाकोट क्षेत्र में आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। सहायक अभियंता पीएमजीएसवाई के सहायक अभियंता डीएस भण्डारी ने बताया की टीम जेसीबी के साथ मौके पर मौजूद है।

लेकिन चलियापाणी के ग्रामीणों के विरोध के कारण सड़क खोलने का कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। ग्राम प्रधान चलियापाणी सरिता देवी ने बताया की पीएमजीएसवाई के द्वारा सड़क खोलने के दौरान सारा मलबा हमारे एक मात्र पानी के स्रोत और स्कूल की तरफ गिरा दिया जाता है। जिससे पानी के स्रोत को नुकसान होता है। इससे लोगों में रोष है।

सड़कों पर यातायात ठप होने से बढ़ीं दिक्कतें

मॉनसून सीजन में सड़क बंद होने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। रविवार को जिले की सात सड़कों पर मलबा आने से आवाजाही बाधित रही। सड़क से जुड़े ग्रामीणों का मुख्य मार्गों तक पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश से कारण अल्मोड़ा जिले की सात ग्रामीण सड़कों जालली-सनेड़ा, वलमरा-चनौला, चमकना-अधे, धौलादेवी-खेती, चायखान-दनन, ताड़ीखेत-ओनी ओर चनौदा-भेटा सड़क पर मलबा आ गया है। 

मलबा आने से रविवार को इन सड़कों पर यातायात पूरी तरह बाधित रहा। यातायात ठप होने से ग्रामीणों की दिक्कतें काफी बढ़ गई है। आवागमन करने के लिए उन्हें परेशानी से जूझना पड़ा। हालांकि जेसीबी की सहायता से सड़कों से मलबा हटाया जा रहा है। 

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