सरकारी विश्वविद्यालय-कॉलेजों में मजाक बना शैक्षणिक कैलेंडर, एडमिशन से लेकर परीक्षाओं तक छात्रों के सामने मुश्किलें
- विश्वविद्यालयों को परीक्षाओं की तैयारी करता देख छात्र संगठनों की ओर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने इस विषय को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के समक्ष रखा है।
सरकारी विश्वविद्यालय-कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बनाया गया शैक्षणिक कैलेंडर मजाक बनता जा रहा है। कैलेंडर के अनुसार कॉलेज में यूजी और पीजी के एडमिशन 13 जुलाई तक हो जाने चाहिए और उसके बाद नौ नवंबर से परीक्षाएं, लेकिन इस साल सरकार ने एडमिशन की प्रक्रिया को 25 अक्तूबर तक खोले रखा और परीक्षाओं का शेड्यूल नहीं बदला।
छात्रों का सवाल है कि यूजीसी के मानक के अनुसार एक सेमेस्टर में शिक्षण दिवस की अवधि कम से कम 90 दिन होनी चाहिए। ऐसे में जिन छात्रों ने विलंब से एडमिशन लिया है, उनके शिक्षण दिवस के मानक का क्या होगा?
विश्वविद्यालयों को परीक्षाओं की तैयारी करता देख छात्र संगठनों की ओर से सवाल उठने शुरू हो गए हैं। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने इस विषय को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के समक्ष रखा है।
जुगरान ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में वर्तमान सेमेस्टर की परीक्षाओं में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। मालूम हो कि यूजीसी के मानक के अनुसार एक सेमेस्टर में 90 दिन का शिक्षण दिवस होना अनिवार्य है।
जबकि उत्तराखंड के सरकारी डिग्री कॉलेज में 25 अक्तूबर तक एडमिशन हुए है। अब शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार यदि नौ नवंबर से परीक्षाएं शुरू की जाती है तो छात्रों को तो असुविधा होगी ही साथ ही यूजीसी के मानक का भी उल्लंघन होगा।
मालूम हो कि इस साल 23 अप्रैल को उच्च शिक्षा विभाग ने शैक्षिक कैलेंडर जारी किया था। इसके अनुसार नौ नवंबर से 12 दिसंबर तक पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं होनी हैं। जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड के राज्य विश्वविद्यालयों में हुए 25 अक्टूबर तक हुए एडमिशन में यूजीसी के नियम अनुसार 90 दिन भी जोड़े जाने चाहिए। उसके अनुसार ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षा तिथि घोषित की जाए।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विकास नेगी ने कहा कि अब तक रिजल्ट तक जारी नहीं हुए। छात्रों ने एडमिशन भी विलंब से लिए हैं तो उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में 24 अक्तूबर को एडमिशन लेने वाले छात्र की परीक्षा नौ नवंबर से लेना कहां तक औचित्य पूर्ण है? सरकार का उच्च शिक्षा के लिए तय शैक्षणिक कैलेंडर मजाक बनकर रह गया है।
विश्वविद्यालय परीक्षाओं के लिए तैयार
कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डीएस रावत ने कहा कि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार परीक्षा की तैयारी की जा रही है। तय शेडयूल के अनुसार परीक्षाएं शुरू करा दी जाएंगी। इधर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार दिनेश चंद्र ने भी कहा कि शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार ही आगे बढ़ा जा रहा है। परीक्षाओं का शेड्यूल तैयार कर दिया गया है।
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