उत्तराखंड में कुट्टू के आटे के छह सैंपल फेल, ऐक्शन मोड में धामी सरकार; किया यह ऐलान
उत्तराखंड में कुट्टू के आटे की जांच में छह सैंपल फेल हो गए। इनमें माईकोटोक्सिन नामक खतरनाक फंगस मिला। खाद्य सरंक्षा विभाग मामले में संबंधित कारोबारियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में केस दर्ज कराने जा रहा है।

उत्तराखंड में कुट्टू के आटे की जांच में छह सैंपल फेल हो गए। इनमें माईकोटोक्सिन नामक खतरनाक फंगस मिला। खाद्य सरंक्षा विभाग मामले में संबंधित कारोबारियों के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में केस दर्ज कराने जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन देहरादून और हरिद्वार में साढ़े तीन सौ से अधिक लोग कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से बीमार हो गए थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ.आर राजेश कुमार ने कुट्टू के आटे की सैंपलिंग को छापेमार कार्रवाई शुरू कराई थी। पूरे प्रदेश में 100 से अधिक सैंपल लिए गए जिनमें से प्रारंभिक तौर पर छह फेल पाए गए। अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने बताया कि देहरादून में लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी विकासनगर, स्लिंक कॉमर्स ऋषिकेश, हरिद्वार में नटराज एजेंसी, आशीष प्रोविजन स्टोर, शिवा स्टोर तथा यूएसनगर में जय मैय्या स्टोर से लिए नमूनों में माईकोटोक्सिन फंगस मिला।
अब खुला नहीं बिकेगा कुट्टू का आटा
कुट्टू का आटा खाने से कई लोगों के बीमार होने के बाद सरकार ने कुट्टू के आटे और बीज की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही कुट्टू के आटे के पैकेट बेचने के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य किया गया है। खाद्य संरक्षा आयुक्त एवं सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से इसके आदेश किए गए।
विदित है कि दो रोज पहले देहरादून और हरिद्वार में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 350 से अधिक लोग बीमार हो गए थे। इसके बाद से खाद्य संरक्षा विभाग लगातार कुट्टू के आटा विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहा है। इसके बाद अब सरकार ने कुट्टू के आटे की खुली बिक्री पर ही रोक लगा दी है।
दरअसल, कुट्टू का आटा ज्यादा समय तक रखने से खराब हो जाता है और कई बार दुकानदार लंबे समय तक इसे दुकान पर रखते हैं। ऐसे में बार- बार कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से लोगों के बीमार होने के मामले सामने आते हैं। राज्य में ही पिछले पांच सालों के दौरान सात सौ से अधिक लोग इस वजह से बीमार हो चुके हैं। ऐसे में सरकार ने इस पर अब कड़ा रुख अपनाते हुए कुट्टू का आटा और बीज खुले तौर पर बेचने पर रोक लगा दी है।
पैकेट पर भी पिसाई की तिथि लिखनी अनिवार्य
खाद्य संरक्षा आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार कुट्टू के आटे के पैकेट पर भी पिसाई की तिथि लिखना अनिवार्य किया गया है। जबकि पैकेट भी सील बंद होना अनिवार्य कर दिया गया है। आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक पैकेज पर विक्रेता का लाइसेंस नंबर भी दर्ज किया जाना जरूरी है। इसके साथ ही खाद्य संरक्षा आयुक्त की ओर से कुट्टू के आटे की बिक्री का स्टॉक रखना भी अनिवार्य किया गया है।
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