उत्तराखंड में 3 साल में 150 भ्रष्टाचारी सलाखों के पीछे, नैनीताल में मुख्य कोषाधिकारी-अकाउंटेंट रिश्वत लेते गिरफ्तार
ऐसे में वे छह लोग हैं और सीटीओ प्रत्येक व्यक्ति से 50-50 हजार रुपये मांग रहे हैं। शिकायतकर्ता से 1.20 लाख रुपये लेकर हस्ताक्षर करने की बात तय हुई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार जारी है। तीन साल के भीतर 150 से अधिक भ्रष्ट लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है। शुक्रवार को नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी की 1.20 लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तारी से सिस्टम में खलबली का माहौल है। इससे पहले भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में पूर्व आईएफएस आरबीएस रावत, आईएएस अधिकारी रामविलास यादव की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।
नकल विरोधी कानून के तहत भी हुई बड़ी कार्रवाई: महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी के अनुसार नकल विरोधी कानून के तहत कई संगठित गिरोहों और दलालों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 80 से अधिक नकल माफिया पर सख्त कार्रवाई की गई। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन साल में 23 हजार के करीब युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी जा चुकी है।
कड़े निर्देशों के फलस्वरूप राज्य में प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ी है। आम जनता का विश्वास शासन तंत्र में और मजबूत हुआ है। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी की टीम ने शुक्रवार को नैनीताल के मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और उनके कार्यालय के अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को हस्ताक्षर कराने के एवज में 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।
दोनों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।शिकायतकर्ता नैनीताल न्यायालय में कार्यरत हैं। उनके एवं उनके पांच अन्य साथियों की एसीपी (वार्षिक वेतन वृद्धि) लगनी थी। इसके लिए नियमानुसार तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में वरिष्ठ कोषाधिकारी नैनीताल सहित दो सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन सीटीओ राणा हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे।
जब शिकायतकर्ता ने इसकी जानकारी ली तो पता चला कि सीटीओ हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं हैं। उनके कार्यालय में नियुक्त अकाउंटेंट जोशी ने फोन कर शिकायतकर्ता को जानकारी दी कि वह कार्यालय आ जाएं। शिकायतकर्ता जब कार्यालय में अकाउंटेंट जोशी से मिले, तो उसने उन्हें बताया कि सीटीओ का कहना है कि उन सभी का 5-6 लाख रुपये का एरियर बन रहा है।
ऐसे में वे छह लोग हैं और सीटीओ प्रत्येक व्यक्ति से 50-50 हजार रुपये मांग रहे हैं। शिकायतकर्ता से 1.20 लाख रुपये लेकर हस्ताक्षर करने की बात तय हुई। शिकायत प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर डिप्टी एसपी विजिलेंस के निर्देशन में टीम ने टीम ने शुक्रवार को मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय, नैनीताल से दोनों आरोपियों को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
टीम को पुरस्कार की घोषणा
सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक डॉ. वी. मुरूगेशन ने ट्रैप टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस अभियान में सक्रिय सहभागिता करें।
विजिलेंस की टीम ने आरोपियों के घरों पर मारा छापा
मुख्य कोषाधिकारी नैनीताल दिनेश कुमार राणा और उनके सहयोगी एकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए जाने के बाद विजिलेंस की टीम ने दोनों आरोपियों के आवासों पर भी छापा मारा। मुख्य कोषाधिकारी राणा की पत्नी एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। एकाउंटेंट जोशी की पत्नी गृहिणी हैं। विजिलेंस की टीम ने दोनों के घरों की गहन तलाशी ली, जो देर रात तक चलती रही। बताया जा रहा है कि सीटीओ राणा की शुक्रवार को विवाह की 20वीं सालगिरह भी थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।