Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़You must look into your own self as well, Mayawati reply to Rahul Gandhi on the statement

अपने गिरेबान में भी जरूर झांकना चाहिए, साथ आने के बयान पर राहुल गांधी को मायावती का जवाब

  • साथ आने के बयान पर राहुल गांधी को बसपा प्रमुख ने मायावती ने शुक्रवार को फिर जवाब दिया है। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि किसी पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांकना चाहिए।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 21 Feb 2025 09:59 AM
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अपने गिरेबान में भी जरूर झांकना चाहिए, साथ आने के बयान पर राहुल गांधी को मायावती का जवाब

बसपा प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी के साथ आने के बयान पर शुक्रवार को भी जवाब दिया। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राहुल को मायावती ने सलाह दी कि किसी भी मामले में दूसरों पर और ख़ासकर बीएसपी की प्रमुख पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांक कर देखना चाहिए तो बेहतर होता।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में इस बार बीजेपी की B टीम बनकर चुनाव लड़ा, यह आम चर्चा है, जिसके कारण यहां बीजेपी सत्ता में आ गई है। वरना इस चुनाव में कांग्रेस का इतना बुरा हाल नहीं होता कि यह पार्टी अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत भी न बचा पाए। साथ ही, दिल्ली में बनी नई भाजपा सरकार को यहां चुनाव में खासकर जनहित व विकास सम्बंधी किए गए अपने तमाम वादों को समय से पूरा करने की चुनौती है, वरना आगे चलकर इस पार्टी का भी हाल कहीं कांग्रेस जैसा बुरा ना हो जाए।

इससे पहले मायावती ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की बात बरगलाने जैसी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी जिन राज्यों में मजबूत है या जहां सरकारें हैं वहां बसपा और उनके अनुयाइयों के साथ द्वेष व जातिवादी रवैया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां गठबंधन की बातें हो रही हैं। यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है? फिर भी बसपा ने उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में जब भी कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है, तब हमारा बेस वोट उन्हें ट्रांस्फर हुआ है लेकिन वे पार्टियां अपना बेस वोट बसपा को ट्रांस्फर नहीं करा पायी हैं। ऐसे में बसपा को हमेशा घाटे में ही रहना पड़ा है।

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बसपा प्रमुख मायावती ने राहुल गांधी के साथ आने के बयान पर शुक्रवार को भी जवाब दिया। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राहुल को मायावती ने सलाह दी कि किसी भी मामले में दूसरों पर और ख़ासकर बीएसपी की प्रमुख पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांक कर देखना चाहिए तो बेहतर होता।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में इस बार बीजेपी की B टीम बनकर चुनाव लड़ा, यह आम चर्चा है, जिसके कारण यहां बीजेपी सत्ता में आ गई है। वरना इस चुनाव में कांग्रेस का इतना बुरा हाल नहीं होता कि यह पार्टी अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत भी न बचा पाए। साथ ही, दिल्ली में बनी नई भाजपा सरकार को यहां चुनाव में खासकर जनहित व विकास सम्बंधी किए गए अपने तमाम वादों को समय से पूरा करने की चुनौती है, वरना आगे चलकर इस पार्टी का भी हाल कहीं कांग्रेस जैसा बुरा ना हो जाए।

इससे पहले मायावती ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की बात बरगलाने जैसी है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी जिन राज्यों में मजबूत है या जहां सरकारें हैं वहां बसपा और उनके अनुयाइयों के साथ द्वेष व जातिवादी रवैया है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां गठबंधन की बातें हो रही हैं। यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है? फिर भी बसपा ने उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में जब भी कांग्रेस जैसी जातिवादी पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा है, तब हमारा बेस वोट उन्हें ट्रांस्फर हुआ है लेकिन वे पार्टियां अपना बेस वोट बसपा को ट्रांस्फर नहीं करा पायी हैं। ऐसे में बसपा को हमेशा घाटे में ही रहना पड़ा है।

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रायबरेली में राहुल ने गुरुवार को बयान दिया कि यूपी में कांशीराम ने दलितों के उत्थान के लिए यूपी में नींव रखी। मायावती ने भी काम किए। लेकिन वह भााजपा के खिलाफ चुनाव ठीक से नहीं लड़तीं। कहा कि ऐसी क्या बात है। कहा कि अगर तीनों दल एक साथ चुनाव लड़ते तो भाजपा हार जाती।

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