लखनऊ के हजरतगंज में कई बड़े शोरूम की जमीन वापस लेगी योगी सरकार, जानिए पूरा मामला
- लखनऊ के हजरतगंज में योगी सरकार कई बड़े शोरूम की जमीन वापस लेगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है। शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने इनका सर्वे शुरू करा दिया है। आज सर्वे के बाद अपनी सम्पत्ति होने का बोर्ड लगाएगा।
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लखनऊ में हजरतगंज के कई बड़े शोरूम, रेस्टोरेंट व्यापारियों के हाथ से वापस जाएंगे। वर्षों से प्राइम लोकेशन की इन सम्पत्तियों पर मामूली किराए पर व्यवसाय कर रहे इन लोगों से शोरूम वापस लिए जाएंगे। योगी सरकार ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने इनका सर्वे शुरू करा दिया है। हलवासिया बिल्डिंग के बाद अब कपूर होटल, रायल कैफे होटल, कोहली ब्रदर्स व नीता बहल के शोरूम सहित जनपथ की 11 दुकानों का भी सर्वे होगा। मंगलवार को जिला प्रशासन, एलडीए तथा शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय की टीम इन बिल्डिंग के सर्वे के बाद अपनी सम्पत्ति होने का बोर्ड लगाएगा।
शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने हजरतगंज की प्रमुख बिल्डिंग का सर्वे शुरू करा दिया है। सर्वे में पूरा विवरण तैयार कराया जा रहा है। इसी के साथ वह अपनी जमीनों का सीमांकन भी करा रहा है। सीमांकन करके वहां बोर्ड भी लगा रहा है। शुक्रवार को एलडीए ने हलवासिया बिल्डिंग का सर्वे कराया था। वहां अपना बोर्ड लगा दिया है। अब शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय के निशाने पर हजरतगंज की कई और बिल्डिंग आ गयी हैं। यह भी शत्रु सम्पत्तियां हैं। ऐसे में अभिरक्षक कार्यालय अब इन बिल्डिंग की भी नाप जोख कराने जा रहा है। यहां की करीब दो दर्जन से ज्यादा बिल्डिंग अभिरक्षक कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में हैं। अभिरक्षक कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि रायल कैफे, कपूर होटल, कोहली ब्रदर्स, नीता बहल के शोरूम के अलावा जनपथ की 11 दुकानों का सर्वे मंगलवार को कराया जाएगा। इन बिल्डिंग की जमीनों की पैमाइश भी करायी जाएगी। जमीनें कहां तक हैं उसे चिन्हित किया जाएगा। फिर अपनी सीमा में अभिरक्षक कार्यालय उसकी सम्पत्ति होने का बोर्ड लगाएगा। अधिकारियों ने बताया कि जितने भी दुकानदारों ने शत्रु सम्पत्तियों की लीज की शर्तों का उल्लंघन किया है उन सभी की दुकानों व प्रतिष्ठानों को अभिरक्षक कार्यालय अपने कब्जे में लेगा। लीज खत् होते ही यह सम्पत्तियां उसकी हो जाएंगी। इनकी लीज का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा।
शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय को जानकारी दिए बिना दूसरों को बेची जमीनें
शत्रु सम्पत्तियों को किराए पर लीज पर दिया गया था। लीज की शर्तों के मुताबिक कई दुकानदारों ने दुकानें बेच दी हैं। कुछ ने किराए पर दे दिया है। जबकि कुछ ने शर्तों के विपरीत बड़े पैमाने पर अनाधिकृत निर्माण कराए हैं। मूल स्वरूप से छेड़छाड़ किया गया है। हलवासिया बिल्डिंग में शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक कार्यालय को काफी जमीनें बेचने की जानकारी हुइ है। अकेले इसी सम्पत्ति की कीमत अधिकारियों ने 400 करोड़ रुपए से ज्यादा बतायी है। जबकि पूरे हजरतगंज की दुकानों की कीमत 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बतायी जा रही है। किराया भी 100 रुपए महीने से लेकर 666 रुपए तक है। अकेले हलवासिया बिल्डिंग का सबसे ज्यादा 666 रुपए महीने किराया है।