योगी सरकार ने इस सेक्टर के निवेशकों के लिए खोला रियायतों का पिटारा, जमीन पर 35% तक की छूट
- औद्योगिक विकास विभाग की इस नई नीति में कंपनियों के लिए ढेर सारी रियायतों का प्रावधान किया गया है। मेगा एंकर एवं एंकर इकाइयों को रक्षा गलियारे में जमीन मूल्य में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यही नहीं इन इकाईयों को अपने भूमि क्षेत्र के 20 प्रतिशत भाग में दूसरी कंपनी की इकाई लगाने की इजाजत होगी।
Investment in Defense Sector: योगी आदित्यनाथ सरकार ने एयरोस्पेस और रक्षा उत्पादन क्षेत्र में निवेशकों को लुभाने के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया है। सरकार इस क्षेत्र में निवेशकों को जमीन पर 25 से 30 प्रतिशत तक छूट देगी। यही नहीं पहली बार मशीनरी और उत्पादित माल के परिवहन शुल्क में 60 प्रतिशत तक की मदद करेगी। इन तरह के उद्योगों में कुशल मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए सरकारी आईटीआई पॉलिटेक्निक में एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के अनुकूल पाठ्यक्रम शुरू होंगे। अगर यह उद्योग महिलाएं लगाएंगी तो उन्हें सभी मदो में दो प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
औद्योगिक विकास विभाग की इस नई नीति में कंपनियों के लिए ढेर सारी रियायतों का प्रावधान किया गया है। मेगा एंकर एवं एंकर इकाइयों को रक्षा गलियारे में जमीन मूल्य में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यही नहीं इन इकाईयों को अपने भूमि क्षेत्र के 20 प्रतिशत भाग में दूसरी कंपनी की इकाई लगाने की अनुमति होगी। कौशल विकास के लिए अधिकतम रुपये 1 लाख प्रति इकाई प्रति वर्ष । प्रत्येक रक्षा इकाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रति व्यक्ति प्रति माह 10,000 रुपये की सीमा तक अधिकतम 20 लोगों को कौशल प्रदान करने की लागत वहन करेगी।
पूर्वांचल व बुंदेलखंड में कैपिटल सब्सिडी के रूप में 35 प्रतिशत तक की छूट
सभी एयरोस्पेस तथा रक्षा निर्माण इकाईयों को पश्चिमी यूपी और मध्य यूपी में 25 प्रतिशत की दर से कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। जबकि बुंदेलखंड व पूर्वांचल में उद्योग लगाने पर कैपिटल सब्सिडी 35 प्रतिशत तक होगी।
तैयार माल के परिवहन के लिए छूट
उद्योग लगाने से पहले संयंत्र और मशीनरी के परिवहन के लिए परिवहन लागत के 60 प्रतिशत की परिवहन सब्सिडी मिलेगी। इसकी अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये होगी। वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ होने की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए इकाई से लॉजिस्टिक पार्कों / परिवहन केंद्रों, बंदरगाह / बंदरगाह तक तैयार उत्पादों के परिवहन पर परिवहन लागत के 50 प्रतिशत की मिलेगी। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण अवसंरचना स्थापित करने की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी होगी।
यह सुविधाएं भी मिलेंगी
-कौशल एवं प्रशिक्षण केंद्र बनाने पर पूंजी निवेश का 50 प्रतिशत मिलेगा
-घरेलू पेटेंट पंजीकरण के लिए पेटेंट शुल्क के 100 प्रतिशत तथा तथा अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट पंजीकरण पर 50 प्रतिशत् छूट
-एमएसएमई इकाइयों को अधिकतम 1 लाख रुपये तक प्रमाणन शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति
-ट्रेडमार्क पंजीकरण आवेदन शुल्क की पूरी तरह से प्रतिपूर्ति की जाएगी
-अग्रणी तकनीकी संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में विकसित करने के लिए एक वर्ष में 10 करोड़ रुपये की सहायता