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'कांग्रेस-BJP की मदद से चल रहीं बिकाऊ पार्टियां', बिना नाम लिए मायावती ने ये किस पर साधा निशाना?

  • मायावती ने आरोप लगाया कि 2007 में यूपी में BSP की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद परेशान कांग्रेस, भाजपा और अन्‍य पार्टियों को चिंता हो गई कि कहीं BSP केंद्र की सत्‍ता में न आ जाएं। तब इन्‍होंने पर्दे के पीछे से दलित समाज के बिकाऊ और स्‍वार्थी लोगों के जरिए अनेकों पार्टियां बनवा दीं।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 24 Nov 2024 03:32 PM
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Mayawati News: यूपी उपचुनाव के शनिवार को आए नतीजों में बसपा के लिए बेहद निराशाजनक स्थिति के बाद रविवार को पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेन्‍स को संबोधित करते हुए एक बड़ा ऐलान और एक बड़ा आरोप लगाया। मायावती ने उपचुनाव में बड़े पैमाने पर फर्जी वोर्टिंग का आरोप लगाया और ऐलान किया कि चुनाव आयोग जब‍ तक इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाता तब तक उनकी पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी। इसके साथ ही उन्‍होंने आरोप लगाया कि 2007 में यूपी में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद परेशान कांग्रेस, भाजपा और अन्‍य पार्टियों को चिंता हो गई कि कहीं वो केंद्र की सत्‍ता में न आ जाएं। यदि वह केंद्र की सत्‍ता में आ जातीं तो फिर बाबा साहेब और उनके अनुयायी मान्‍यवर कांशीराम के अधूरे सपनों को पूरा कर देतीं। लिहाजा उन्‍हें रोकने के लिए कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों ने अंदर ही अंदर मिलकर पर्दे के पीछे से दलित समाज के कुछ बिकाऊ और स्‍वार्थी किस्‍म के लोगों के जरिए अनेकों पार्टियां बनवा दीं हैं। इन पार्टियों को चलाने और चुनाव लड़ाने आदि पर पूरा ध्‍यान वही लगाती हैं। बसपा को कमजोर करने के लिए उनसे अपने हिसाब से उम्‍मीदवार खड़े करवाती हैं। इतना ही नहीं उन्‍हें मजबूती देने के लिए अपना वोट ट्रांसफर कराकर हर राज्‍य में इनके एक-दो एमपी या एमएलए भी जितवाकर भेज रही हैं।

बता दें कि नौ सीटों के लिए हुए उपचुनाव में बसपा की एक भी सीट नहीं आई है। मुस्लिम बहुल वाली कुंदरकी सीट जहां से भाजपा उम्‍मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह की जीत की काफी चर्चा हो रही है, वहां बसपा के उम्‍मीदवार को सांसद चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी के उम्‍मीदवार से भी कम वोट मिले हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि 2007 में बसपा की अकेले ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से कांग्रेस, बीजेपी और इनकी समर्थक सभी जातिवादी पार्टियां यह सोचकर काफी घबराने लगी थीं कि यदि बीएसपी केंद्र की सत्‍ता में आ गई तो फिर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और उनके अनुयायी रहे मान्‍यवर कांशीराम का अधूरा सपना साकार हो जाएगा। जिसे रोकने के लिए इन्‍होंने अंदर-अंदर आपस में मिलकर व पर्दे के पीछे से खासकर दलित समाज में से बिकाऊ और स्‍वार्थी किस्‍म के लोगों के जरिए अनेकों पार्टियां बनवा दी हैं। जिनको चलाने और चुनाव लड़ाने आदि पर पूरा ध्‍यान इन्‍हीं पार्टियों का लगता है तभी ये पार्टियां कई-कई दर्जन गाड़ियां साथ में लेकर चलती हैं। अब तो ये हेलीकॉप्‍टर और प्‍लेन से चुनावी दौरा भी करते हैं। ऐसी आम लोगों में चर्चा है। जबकि हमारी पार्टी बीएसपी इसके लिए पार्टी के लोगों से सदस्‍यता आदि के जरिए अपना खर्चा खुद उठाती है। यहां यह भी गंभीरता से सोचने की बात है।

उन्‍होंने कहा कि बड़ी पार्टियां अपने राजनीतिक लाभ के लिए अपने हिसाब से उनसे उम्‍मीदवार खड़े करवा कर अब बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं। इसके साथ ही अब तो उन बिकाऊ और स्‍वार्थियों को मजबूती देने के लिए अब ये विरोधी पार्टियां अपना खुद का भी वोट ट्रांसफर करवाकर हर राज्‍य में इनके एक-दो एमपी या एमएलए भी जितवाकर भेज रही हैं। इसलिए ऐसे बिकाऊ और स्‍वार्थियों की पार्टियों को अब अपने भोले भाले दलितों, आदिवासियों, अन्‍य पिछड़े वर्गों और अकलियतों को भी अपना एक भी वोट देकर खराब नहीं करना है।

मायावती ने कहा कि यह सब हमें अभी हाल ही में हरियाणा, महाराष्‍ट्र, झारखंड के विधानसभा आम चुनाव के साथ-साथ यहां उत्‍तर प्रदेश में भी नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में काफी कुछ देखने को मिला है। ऐसे में अब इन सभी वर्गों के लोगों को अपने जानने वालों, रिश्‍तेदारों या किसी के भी चक्‍कर में न पड़कर अपना एक भी वोट इन्‍हें देकर बर्बाद नहीं करना है बल्कि सिर्फ बसपा को देना है। जिसकी कार्यशैली को इन्‍होंने यूपी में बीएसपी के नेतृत्‍व में बनी चार बार की सत्‍ता में आजमाया है। विरोधी पार्टियों की ऐसी साजिशों से सावधान रहना है। आपस में भाईचारा रखते हुए बसपा को मजबूत करना है। वर्तमान में समय की यही मांग है।

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