Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़वाराणसीProtests Erupt Against Closure of BHU s Ganga Research Center in Varanasi

गंगामित्रों ने किया कुलपति आवास के सामने प्रदर्शन

वाराणसी में गंगामित्रों ने बीएचयू के महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र को बंद करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर केंद्र को पुनः संचालित करने की मांग की, जिससे गंगा...

गंगामित्रों ने किया कुलपति आवास के सामने प्रदर्शन
Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीTue, 10 Sep 2024 05:20 PM
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वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र को बंद करने के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को गंगामित्र एकजुट हुए। कुलपति आवास के सामने पोस्टर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर उन्होंने केंद्र को पुन: संचालित करने की मांग की। कहा कि बीएचयू कार्यकारिणी द्वारा अनुमोदित एवं संस्थापक महामना मालवीय के नाम से चलने वाले एकमात्र गंगा शोध केंद्र को काल्पनिक केंद्र बताकर अचानक बंद करना दुर्भाग्यपूर्ण है। गंगामित्रों ने बताया कि बीएचयू से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त ईको स्किल्ड गंगामित्रों की संख्या 700 है। गंगा शोध केन्द्र से पिछले 6 वर्षों से नमामि गंगे की परियोजना गंगा जीर्णोद्धार, सफाई अभियान, हरितपट्टी विकास, जल संरक्षण आदि जैसे कार्यो को लगातार करते हुए प्रयागराज से बलिया तक गंगा मिशन जागरूकता को जन-जन तक पहुंचा रहे थे। गंगामित्र की विशेष प्रशिक्षण परियोजना नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, जल शंक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एवं महामना मालवीय गंगा शोध केन्द्र बीएचयू में प्रख्यात पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. बीडी त्रिपाठी के निर्देशन में संचालित हो रही थी। गंगामित्रों ने कहा कि यह दुखद है कि महामना के नाम पर चलने वाले वर्किंग गंगा सेंटर को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा काल्पनिक सेंटर बताकर बिना किसी जांच पड़ताल के बंद करने का सर्कुलर जारी कर दिया गया। जबकि प्रधानमंत्री का मां गंगा के प्रति लगाव एवं गंगा जीर्णोद्धार का दृढ़ संकल्प वर्ष 2014 से लेकर आज तक सर्वविदित है। गंगामित्र कॉर्डिनेटर धर्मेंद्र पटेल ने बताया कि बीएचयू प्रशासन के इस निर्णय से गंगामित्र परिवार में हताशा है।

मौके पर पहुंचे प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों को गंगामित्रों ने कुलपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। मांग की कि महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र को बंद करने का निर्णय तत्काल प्रभाव से वापस लेकर इसके पुनर्सचालन कराया जाए। जिससे वाराणसी एवं अन्य जिलों में नमामिगंगे परियोजना का कार्य निर्बाधरूप से चलता रहे। साथ ही ईको-स्किल्ड गंगामित्र प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी व अन्य जनपदों में नये जोश के साथ अनवरत होकर सक्रिय भूमिका निभा सके। इस दौरान सी शेखर, टीपू खान, वैभव पांडेय, अंचल, राजकुमार पटेल, सुधांशु सिंह, अभय राय, संदीप राजभर, धर्मेंद्र पाल, निकिता, खुशबू पटेल, रूपा पटेल, बीनू पटेल, राधा मौर्या, रूबी गुप्ता, आरती कुमारी, कुमारी सीनू, धर्मेंद्र राय, कैलाश शर्मा, जीउत पटेल आदि मौजूद रहे।

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