Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Uttar Pradesh Public Service Commission exam for two days standardization formula called foolproof

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा होगी दो दिन, मानकीकरण का फॉर्मूला बताया, कहा- फूलप्रूफ प्रक्रिया

पीसीएस और आरओ/एआरओ प्री शुचितापूर्वक कराने के लिए ही परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने का निर्णय लिया गया है। इस विवशता के बीच आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, प्रयागराजWed, 6 Nov 2024 07:30 AM
share Share

पीसीएस और आरओ/एआरओ प्री शुचितापूर्वक कराने के लिए ही परीक्षा एक की बजाय दो दिन में कराने का निर्णय लिया गया है। इस विवशता के बीच आयोग ने साफ किया है कि मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) में किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा। पहली बार मानकीकरण का फॉर्मूला अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करते हुए आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया फूलप्रूफ है।

आयोग का तर्क है कि पीसीएस 2024 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 5,76,154 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराने के लिए सभी 75 जिलों से 19 जून 2024 के शासनादेश के अनुरूप 1758 परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता है। इसके सापेक्ष विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों आदि को सम्मिलित करने के बावजूद मात्र 4,35,074 अभ्यर्थियों की क्षमता के 978 केंद्र ही मिल सके हैं।

जबकि आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षा में कुल पंजीकृत 10,76,004 अभ्यर्थियों के लिए एक दिन में परीक्षा कराना संभव नहीं हो पा रहा है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए मानक के अनुरूप ही केंद्र बनाए गए हैं ताकि परीक्षा में किसी भी प्रकार के अनुचित साधनों का प्रयोग न हो सके और अभ्यर्थियों का हित सुनिश्चित किया जा सके।

ये भी पढ़ें:शौकीनों ने होली से ज्यादा दीवाली पर गटकी शराब, इस जिले में टूट गए सारे रिकॉर्ड

प्रवेश पत्र डानलोड करने वालों पर एक नजर
पीसीएस की पिछली चार प्रारंभिक परीक्षाओं में जितने अभ्यर्थियों ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किए हैं उनके लिए भी केंद्र बनाए जाएं तो एक दिन में परीक्षा कराना संभव नहीं।

पंजीकृत, प्रवेश पत्र डाउनलोड उपस्थिति का विवरण
वर्ष पंजीकृत अभ्यर्थी प्रवेशपत्र डाउनलोड उपस्थिति
2020 595700 474039 (79.58%) 314699 (66.38%)
2021 691173 516491 (74.72%) 321273 (62.20%)
2022 605023 516737 (85.40%) 329309 (63.72%)
2023 567657 509678 (89.78%) 345022 (67.69%)

परसेंटाइल में जारी होंगे प्राप्तांक-कटऑफ
मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) लागू होने के कारण परिणाम की गणना परसेंटाइल में होगी। जहां किसी एक विज्ञापन के सापेक्ष एकाधिक दिवसों / पालियों में परीक्षाएं कराई जाती हैं वहां परीक्षा के मूल्यांकन के लिए मानकीकरण की प्रक्रिया अपनाना आवश्यक है, जैसे कि देश के विभिन्न प्रतिष्ठित भर्ती निकायों, आयोगों आदि में अपनाई जा रही है। अलग-अलग पालियों में होने वाली परीक्षा में कठिनाई स्तर को समान बनाए रखने के लिए फॉर्मूला लागू करना होगा। विशेषज्ञों का दावा है कि गणितीय फॉर्मूला लगाने के बाद परिणाम दशमलव के छह अंकों तक सटीक मिले हैं।

लोक सेवा आयोग ने एक से अधिक दिवसों/पालियों में परीक्षा कराने की स्थिति में मूल्यांकन के लिए प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। समिति ने परसेंटाइल स्कोर के माध्यम से मानकीकरण की प्रक्रिया अपनाने की अनुशंसा की है। इसे आयोग ने अनुमोदित करते हुए आगामी परीक्षाओं में उक्त प्रक्रिया के अनुसार चयन प्रक्रिया पूर्ण कराने का निर्णय लिया है, जो कम्प्यूटर आधारित होगा। इसे स्वीकार करने से पहले आयोग ने भी परीक्षण करके देखा है।

20 किमी के दायरे में भी नहीं मिले केंद्र
19 जून के शासनादेश में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और कोषागार से अधिकतम 10 किमी के दायरे में परीक्षा केंद्र बनाने की व्यवस्था दी गई थी। पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराने के लिए आयोग के अधिकारियों ने 20 किमी के दायरे में परीक्षा केंद्र निर्धारित करने की कोशिश की, इसके बावजूद पर्याप्त संख्या में केंद्र नहीं मिल सके। पहली बार मुख्य सचिव ने मानक के अनुसार परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से निर्देश दिए थे।

नीट मामले में कमेटी ने भी बहुपाली परीक्षा की संस्तुति की
नीट प्रवेश परीक्षा मामले में केंद्र सरकार की ओर से इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित परीक्षा सुधार सम्बन्धी उच्चस्तरीय समिति ने भी किसी परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या अत्यधिक होने की दशा में बहुपालीय परीक्षा प्रणाली अपनाने की अनुशंसा की है ताकि परीक्षा संबंधी सुरक्षा प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।

सुप्रीम कोर्ट ने भी मानकीकरण को उचित माना है
एक से अधिक सत्रों में होने वाली परीक्षाओं के संबंध में सिविल अपील संख्या- 228 ऑफ 2022 उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य बनाम अतुल कुमार द्विवेदी व अन्य में उच्चतम न्यायालय ने सात जनवरी 2024 के निर्णय में भी मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की प्रक्रिया को उचित माना है। एनटीए की ओर से आयोजित नीट, जेईई आदि परीक्षाएं, आईआईएम तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग भी इस फॉर्मूले को अपनाता है और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इसे सही माना है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भी नॉर्मलाइजेशन के पक्ष में निर्णय दिया है। बहुपालीय परीक्षा कराने की दशा में आंध्र प्रदेश, केरल एवं तेलंगाना आदि प्रदेशों के राज्य लोक सेवा आयोग भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाते हैं।

आयोग ने स्थगित की वैज्ञानिक अधिकारी परीक्षा
19 जून के शासनादेश के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया का विनियमन) अधिनियम 1985 में संशोधन के मद्देनजर वैज्ञानिक अधिकारी (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) की परीक्षा स्थगित कर दी है। इसके पांच डोमेनों (जीव विज्ञान क्षेत्र/प्रक्षेत्र, कंप्यूटर विज्ञान क्षेत्र/प्रक्षेत्र) के तहत कुल 41 पदों की स्क्रीनिंग परीक्षा 17 नवंबर को होनी थी। आयोग के उप सचिव डीपी पाल के अनुसार अब यह परीक्षा आयोग की ओर से जारी होने वाले अगले परीक्षा कैलेन्डर के अनुसार पुनः निर्धारित की जाएगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें