UP Weather: शिमला-लखनऊ के तापमान में बस 1 डिग्री का फर्क, हवा की रफ्तार के साथ बढ़ेगी सर्दी
- मौसम विभाग के अनुसार यदि पछुआ हवा की तेज रफ्तार बनी रही तो दिन-रात के तापमान में और गिरावट आएगी। रात में न्यूनतम तापमान 6.2 रहा जो सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस कम रहा। रात में पारा इतना नीचे आ जा रहा कि टंकियों का पानी बर्फीला महसूस हो रहा है।
UP Weather Update: दिन ढलने के बाद लखनऊ में पहाड़ों जैसी सर्दी पड़ रही है। एक दिन पहले न्यूनतम तापमान इतना नीचे आ गया कि शिमला और लखनऊ में एक डिग्री का फर्क रह गया, वहीं शनिवार को अधिकतम तापमान भी लुढ़का। यह 23.6 डिग्री सेल्सियस रहा। इस सीजन में यह सबसे कम अधिकतम तापमान है। मौसम विभाग के अनुसार यदि पछुआ हवा की तेज रफ्तार बनी रही तो दिन-रात के तापमान में और गिरावट आएगी। रात में न्यूनतम तापमान 6.2 रहा जो सामान्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस कम रहा। रात में पारा इतना नीचे आ जा रहा है कि टंकियों का पानी बर्फीला महसूस हो रहा है। जिनको सुबह जल्दी निकलना है या रात में जाना है उनको यह सर्द पछुआ हवा सता रही है। दोपहिया पर बिना जैकेट के काम नहीं चल रहा है।
आज से थोड़ा बढ़ सकता है तापमान
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद पछुआ की रफ्तार बढ़ी थी। अब यह सिलसिला कुछ समय के लिए टूट सकता है। ऐसे में सीधी धूप दिन में थोड़ी गर्माहट लाएगी। धरती की सतह गर्म होगी तो दिन और रात के तापमान में एक से दो डिग्री तक बढ़ोतरी हो सकती है।
बर्फीली हवाओं से बढ़ी गलन, मरीजों को खतरा
पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर पड़ रहा है। ताजनगरी आगरा में चार दिनों से शीतलहर चल रही है। तापमान में कमी आई है और गलन का स्तर बहुत बढ़ गया है। ऐसे में खून जमने के मामले बढ़ जाते हैं। इसलिए हर उम्र के लोगों, विशेषकर किसी भी बीमारी से पीड़ित चल रहे मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत है। अन्यथा की स्थिति में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 0.8 डिग्री कम होकर 23.8 डिग्री रिकार्ड किया गया। यानि यह शरीर के तापमान से पूरे 8 डिग्री कम है। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 1.5 डिग्री कम होकर 7.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। कई दिनों से यही स्थिति है। ऐसे मौसम में खून के जमने, थक्के पड़ने का खतरा रहता है। खासकर डायबिटीज के मरीजों को संभलकर चलने की जरूरत है। ह्रदय रोगियों को भी डाक्टरों की सलाह के बाद खून पतला करने की दवाइयां लेते रहना चाहिए। जबकि शुगर के मरीजों को डायबिटीज काबू में रखने की जरूरत है।
इसके साथ ही हायपरटेंशन के मरीजों को सावधान हो जाना चाहिए। इन्हीं दिनों में तेजी से ब्लड प्रैशर बढ़ता है। इसलिए अपनी दवाई को नियमित खाएं। किसी भी तरह की नई दिक्कत होने पर तत्काल डाक्टर को दिखाने की जरूरत है। डाक्टर के बताए मुताबिक ही आहार का प्रयोग करें। इन दिनों एल्कोहल या तंबाकू का अधिक इस्तेमाल भी बीमारी कर सकता है, पुरानी बीमारी बढ़ा सकता है।
मार्निंक वाक बंद करने का समय
निचला पारा कम है। इसलिए सुबह और शाम को जबर्दस्त गलन है। हाथ और पैर काम नहीं कर रहे है। ऐसे में बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है। मैदानों और पार्कों आदि में गलन और ठंड का स्तर कुछ ज्यादा ही रहता है। शीतलहर की मार भी यहीं ज्यादा पड़ती है। इसलिए फिलहाल सुबह का टहलना बंद करना ठीक रहेगा। धूप निकलने पर जाएं।
आईएसबीटी और एसएनएमसी में बनाए रैन बसेरे
आगरा में सर्द मौसम में गरीब और बेसहारा लोगों को राहत देने के लिए नगर निगम ने शहर में स्थित 12 शेल्टर होम की व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर दिया है। इसके अलावा, कुछ जरूरी स्थानों पर अस्थायी रैन बसेरों का भी निर्माण किया गया है। अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र यादव ने बताया कि शहर में नगर निगम के 12 शेल्टर होम संचालित हैं, जहां ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है। सर्दी से बचाव के लिए रजाई, गद्दे और हीटर की व्यवस्था की गई है। किचन में गैस सिलेंडर और बर्तनों की भी व्यवस्था है, ताकि कोई भी व्यक्ति भोजन बना सके। इसके अलावा, शहर के बस स्टैंड और अस्पतालों में अस्थायी रैन बसेरे बनाए जा रहे हैं। नगर निगम ने एसएन मेडिकल कॉलेज और आईएसबीटी पर रैन बसेरों का निर्माण किया है।
गर्म तासीर वाली चीजों को खाएं
अब ठंडी तासीर वाली चीजें नहीं खानी चाहिए। ऐसे मौसम में बाजरा, गुड़ का प्रयोग सबसे अच्छा रहता है। हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ गाजर और चुकंदर का प्रयोग करना ठीक रहेगा। चूंकि सर्दी में अधिक खाना हो जाता है, ऐसे में पेट को साफ रखने के लिए मूली बेहद फायदेमंद है। मूली के अलावा उसके पत्तों की भुजिया भी पेट साफ रखने में मदद करती है।
ठंडे पानी से नहाना तुरंत बंद करें
अधिकतर घरों में वाटर सप्लाई या टंकियों में रखे पानी का प्रयोग होता है। यह बेहद ठंडा पानी है। इसे शरीर पर सीधा डालने से बाडी का तापमान तेजी से गिरता है। खून जमने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए ठंडे पानी से नहाना तत्काल बंद कर देना चाहिए। गुनगुने पानी से ही नहाएं। मुंह-हाथ धोने, कपड़े और बर्तन धोने में भी गुनगुना पानी लें।
कमरा रखें गर्म, हीटर चलाकर न सोएं
सर्दी से बचने के लिए कमरों को गर्म रखें। इन्हें बंद रखा जाए, खिड़की और दरवाजों से भी ठंडी हवा का आना रोकना चाहिए। साथ ही सोने से पहले कमरों को गर्म कर सकते हैं। सोते वक्त रूम हीटर को नहीं चलाया जाना चाहिए। ऐसे में अधिक कार्बन डाई आक्साइड सांस को बंद कर देती है और मौत हो जाती है। अंगीठी का प्रयोग करना सबसे खतरनाक साबित होता है।
कड़ाके की ठंड की चपेट में मेरठ
सर्दी का सितम शुरू हो गया है। मेरठ समेत वेस्ट यूपी कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। शनिवार को बिजनौर का नजीबाबाद प्रदेश का तीसरा सबसे ठंडा शहर रिकार्ड हुआ, जहां पारा 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जबकि अयोध्या सबसे ठंडा शहर रिकार्ड है। अयोध्या में न्यूनतम तापमान 3.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। मेरठ का न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री रिकार्ड हुआ। अब अगले 72 घंटे तक शीतलहर का अलर्ट जारी हुआ है। वेस्ट यूपी में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। वेस्ट यूपी में देर रात/सुबह के समय छिटपुट स्थानों पर हल्का से मध्यम कोहरा छाने की संभावना है।
मेरठ समेत वेस्ट यूपी में कुछ स्थानों पर शीतलहर की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार मेरठ समेत आसपास के क्षेत्रों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। एक हफ्ते में अधिक कड़ाके की ठंड का अहसास होगा। सबसे ठंडा शहर नजीबाबाद रिकार्ड हुआ, जहां न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री रहा। यह प्रदेश का तीसरा सबसे ठंडा शहर रहा। अयोध्या सबसे ठंडा और दूसरे स्थान पर बरेली रहा। मेरठ का न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 0.6 डिग्री कम रहा। अधिकतम तापमान 22.5 रिकार्ड हुआ, जो सामान्य से 1.4 डिग्री अधिक है।
शीतलहर ने तोड़ा पांच साल का रिकॉर्ड
वहीं गोरखपुर में दिसंबर के पहले पखवाड़े में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के कारण पूर्वांचल के मैदानी इलाके शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। रात में पारा लगातार नीचे लुढ़क रहा है। शनिवार को न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला गया। शनिवार को न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस रहा। यह इस सीजन की सबसे सर्द रात है। शनिवार को लुढ़के पारे ने पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे पहले वर्ष 2018 में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस था।
बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ों पर बीते 10 दिन से लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के साथ ही ऊपरी वायुमंडल में तेज रफ्तार से चल रही पछुआ हवाओं का भी इस पर असर हुआ है। पूर्वी यूपी में ऊपरी वायुमंडल में 5000 से 7000 मीटर की ऊंचाई पर करीब 40 किलोमीटर की रफ्तार से पछुआ चल रही है। यह ठंडी पछुआ निचले मैदानी इलाकों में अपना प्रभाव दिख रही है। इसके कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है। बीते 24 घंटे में रात के तापमान में करीब 2.2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। इसके बाद शनिवार को रात का न्यूनतम तापमान सामान्य से 5.8 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया है।
उधर दिन में बादलों की मौजूदगी में ठंडी हवाएं चल रही हैं। दिन के तापमान में भी पिछले 24 घंटे में 0.3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई। शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 23.3 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विशेषज्ञ केसी पाण्डेय ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ ही उपरी वायुमंडल में तेज पछुआ ने पूर्वांचल का मौसम बदला है। निचले वायुमंडल से गर्म हवाएं तेजी से उपरी वायुमंडल में शिफ्ट हो रहीं हैं। इसके कारण तापमान में गिरावट हुई है। इसे कोल्ड वेव कंडीशन कहते हैं। पूर्वी यूपी में पांच दिनों से कोल्ड वेव कंडीशन बनी है। शुक्रवार को छोड़ कर पांच में से चार दिन कोल्ड वेव कंडीशन के रहे। अगले तीन दिन तक ऐसी ही कोल्ड वेव कंडीशन बनी रहेगी।
बीते पांच साल में दिसंबर में न्यूनतम तापमान
वर्ष न्यूनतम तापमान
2023 14.5
2022 14.9
2021 11.8
2020 13.3
2019 12.7
2018 4.6
(तापमान डिग्री सेल्सियस में)