सरकारी शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग, इस जिले के तीन ब्लॉक में शुरू अभियान
- यूपी के वाराणसी में शिक्षकों के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जा रही है। वाराणसी के दो विकास खंडों, आराजीलाइन और सेवापुरी में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 400 से अधिक शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी गई है।
यूपी के वाराणसी में शिक्षकों के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जा रही। वाराणसी के दो विकास खंडों, आराजीलाइन और सेवापुरी में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 400 से अधिक शिक्षकों को अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी गई है। ये विशेषज्ञों द्वारा संचालित छह दिवसीय अंग्रेजी बोलने के ट्रेनिंग कार्यक्रम, गुरुशाला में दी गई। जिले में 1100 स्कूलों के कुल 2500 शिक्षकों को ये ट्रेनिंग दी जाएगी। इनमें से 400 को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी, अरविंद पाठक ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि शिक्षकों की अंग्रेजी बोलने की क्षमता में सुधार करने के लिए अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इससे आगे चलकर सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक गैर-सरकारी संस्थान के अंग्रेजी बोलने के विशेषज्ञों द्वारा अब तक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 400 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है। आने वाले दिनों में कम से कम 2100 और शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जानी है।
वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी, हिमांशु नागपाल ने इस बारे में बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य उनकी अंग्रेजी संचार क्षमताओं में सुधार करना है, जिससे शिक्षक आकर्षक और इंटरैक्टिव कक्षा गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम हो सकें। उन्होंने कहा कि ये दो चरणों में आयोजित होगा। इसमें पहले बेसिक अंग्रेजी बोलने की क्षमता पर काम किया जा रहा है फिर इसे बढ़ाकर क्लास में इस्तेमाल होने वाली और बेहतर तकनीकों पर काम हो रहा है। शिक्षकों ने एक साल में 6 दिन की ट्रेनिंग ली और हर हफ्ते ऑनलाइन प्रेक्टिस सेशन भी रहे। साथ ही अंग्रेजी समझने और बोलने की क्षमता में सुधार के लिए उन्हें व्हाट्सएप के जरिए कुछ अन्य जानकारी भी दी गई।
उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद से शिक्षकों में बेहद सुधार देखने को मिला है। उनकी अंग्रेजी बोलने और समझने की क्षमता सुधरी है। साथ ही कक्षाओं में भी इसका इस्तेमाल देखा जा रहा है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के अंग्रेजी बोलने पर वहां के हेड मास्टर का कहना है कि इससे छात्रों को फायदा मिल रहा है और जल्द छात्र-छात्राएं भीं अंग्रेजी बोलने लगेंगे।
गौरतलब हो कि गुरुशाला, वोडाफोन आइडिया फाउंडेशन की एक पहल है जिसे जिला बुनियादी शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है।