यूपी में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश, पीलीभीत-बरेली रेल ट्रैक पर रखा सरिया
पीलीभीत-बरेली रेलपथ पर शुक्रवार रात डेमू ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई लेकिन लोको पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। ललौरीखेड़ा स्टेशन के आगे पटरी पर सरिया देख लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी।
पीलीभीत-बरेली रेलपथ पर शुक्रवार रात डेमू ट्रेन को पलटाने की साजिश की गई लेकिन लोको पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया। ललौरीखेड़ा स्टेशन के आगे पटरी पर सरिया देख लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। लोको पायलट ने इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ ने मौके पर सिविल पुलिस के साथ संयुक्त रूप से जांच की। सीनियर सेक्शन इंजीनियर नेत्रपाल सिंह ने थाना जहानाबाद में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
शुक्रवार रात सवा नौ बजे पीलीभीत-बरेली डेमू ललौरीखेड़ा स्टेशन से रवाना हुई। शाही स्टेशन से पहले 267/1-2 किमी. संख्या पर रेलवे पटरी पर असामान्य वस्तु देखकर लोको पायलट संतोष कुमार ने सतर्कता के साथ ट्रेन को रोका। ललौरीखेड़ा में अचानक झटके के साथ रुकी डेमू पैसेंजर के यात्री भी हड़बड़ा गए। रेल पटरी पर असामान्य वस्तु होने पर ट्रेन को रोककर जांच की गई तो पटरी पर सरिया रखा मिला।
इंजन में ही सवार पीडब्ल्यूआई अशोक कुमार ने सूचना इंजीनियरिंग विभाग के एईएन सुरेंद्र कुमार समेत आरपीएफ इंस्पेक्टर नरेश कुमार मीना समेत कंट्रोल को दी। ट्रेन को करीब 15 मिनट बाद यहां से रवाना कर दिया गया। ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश से रेलवे में हडकंप मच गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर नरेश मीना और एसआई जितेंद्र ने बताया कि जांच की जा रही है। थाना जहानाबाद में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जांच शुरू, मिले सुराग
पीलीभीत बरेली रेल पथ पर ट्रेन पलटाने की साजिश लोको पायलट की सतर्कता ने टल गई। पूरे घटनाक्रम में लखनऊ जोन से लेकर बरेली मंडलीय कार्यालय तक खलबली मची रही। लखनऊ से जीआरपी सीओ ष्केश यादव और बरेली से आरपीएफ कमांडेंट पवन श्रीवास्तव ने मौक पर पहुंच कर जांच की। पूरे मामले में जांच इकाइयों को अहम सुराग मिले हैं। माना जा रहा है कि इसका खुलासा जल्द किया जा सकता है।
बीती रात शुक्रवार को 05313 डेमू पीलीभीत बरेली ट्रेन के गुजरने से पहले पटरी पर करीब 24 फिट और 12 एमएम का एक जिंदल सरिया डाल दिया गया था। समय रहते चालक ने सतर्कता दिखा दी नहीं तो बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता था। पूरे घटनाक्रम के बाद सुरक्षा और जांच ईकाईयां सतर्क हो गई।
जीआरपी सीओ हरिकेश यादव और बरेली से आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार श्रीवास्तव व एईएन सुरेंद्र कुमार आदि ने मौके पर पहुंच कर जांच की। आरपीएफ के नरेश मीना, जितेंद्र कुमार, जीआरपी एसओ सचिन पटेल ने संयुक्त टीम के साथ मिले तथ्यों को खंगाला।
जांच इकाइयों को मिले अहम सुराग
जांच में पाया गया है कि जहानाबाद रेलवे क्रासिंग के नजदीक पूर्व में बन रहे अंडरपास प्रोजेक्ट को खत्म कर दिया गया है। यहां बन चुके निर्माण का अधबना मैटेरियल इधर उधर पड़ा है। अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक यहां पड़ी सरिया को चोरी के इरादे से घसीट कर लाए और ले जाने के भी संकेत प्रथमदृष्टयया मिले हैं। जांच कर रही एजेंसियों को कुछ अन्य तथ्य भी मिले हैं। जल्द खुलासा हो सकता है।
अब तक हुई घटनाएं
- पीलीभीत के टनकपुर सेक्शन में पिछले साल अक्तूबर में न्यूरिया और मझोला के बीच रेलवे पटरी पर एक डैश आया था। इसकी काफी दिनों तक जांच चली थी। बाद में गोरखपुर से भी बड़े अधिकारी आए थे।
- 13 अक्तूबर को रात तीन बजे खटीमा-बनवसा के बीच मोटा केबिल रखा पाया गया था।
- 15 नवंबर को रात में 12 बजे दिबनापुर स्टेशन के पास मालगाड़ी के आगे सीमेंटेड बेंच, रेल पटरी का टुकड़ा रख दिया गया था।