महाकुंभ 2025 से पहले गंगा की तीन धारा को एक प्रवाह में बदला, घाट भी 22 हेक्टेयर किया बड़ा
महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज में संगम पर गंगा की तीन धारा को एक प्रवाह में बदला गया है। गंगा को गहरा करने के दौरान निकली बालू से घाट भी 22 हेक्टेयर बड़ा किया गया है। आईआईटी गुवाहाटी की मदद से सिंचाई विभाग का भगीरथ प्रयास रंग लाया है।
प्रयागराज में महाकुम्भ के पहले संगम क्षेत्र में गंगा की तीन धाराओं को एक करने का भगीरथ प्रयास सफल हो गया। अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए भगीरथ गंगा को धरती पर लाए थे। गंगा की तीन धारा को एक प्रवाह करने का भगीरथ प्रयास सिंचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड ने किया। इससे महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को स्नान करने को पर्याप्त जल तो मिलेगा ही और मेला बसाने के लिए 22 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन भी मिल गई। छह महीने पहले शास्त्री ब्रिज से संगम तक लगभग दो किमी दायरे में गंगा की तीन धारा मुश्किल खड़ी कर रही थी।
महाकुम्भ के दौरान तीन प्रवाह होने पर श्रद्धालुओं को स्नान के लिए कम जल मिलने और मेला बसाने में जगह कम पड़ने की संभावना जताई गई। गंगा की एक धारा परेड की तरफ खिसकने का खतरा बढ़ रहा था। इस समस्या का समाधान करने के लिए गंगा का प्रवाह एक करने का निर्णय लिया गया। भगीरथ प्रयास शुरू करने के पहले आईआईटी गुवाहाटी के विशेषज्ञों से तकनीकी मदद ली गई। गंगा के प्रवाहों का अध्ययन करने के बाद आईआईटी के विशेषज्ञों ने गंगा का तीन प्रवाह एक करने के लिए योजना बनाकर सिंचाई विभाग को दी।
विशेषज्ञों की योजना पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक गंगा की बीच वाली धारा की ड्रेजिंग कर गहराई बढ़ाई गई। दाहिनी और बाएं तरफ निकली धारा को गंगा से निकली बालू से पाट दिया गया। महीन भर के प्रयास के बाद सफलता मिली और क्षेत्र में गंगा का तीन के स्थान पर एक प्रवाह हो गया। दाहिनी और बाएं तरफ जिस हिस्से को पाटा गया, वह जमीन अब मेला बसाने के काम आएगी। शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक गंगा की दो धाराओं को पाटने के लिए पांच लाख मीट्रिक टन बालू लगा।
एक्सईएन सिंचाई विभाग, दिग्विजय नारायण शुक्ल ने कहा कि गंगा की तीन धारा को एक करना आसान नहीं था। बीच की धारा की गहराई बढ़ाने और पास के दोनों प्रवाहों को पाटने के दौरान गंगा का जलस्तर बढ़ गया। एक महीना बाद पुन: काम पर लौटे तो गंगा की जो धारा गहरी की गई थी, उसमें फिर बालू भर गया। दोबारा ड्रेजिंग की गई।