डेविड शिवाय बनाए गए आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे
- डेविड शिवाय गिरि अब आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर बनकर सनातन की अलख जाएंगे। शनिवार को अखाड़े में हुए भव्य आयोजन में उनका महामंडलेश्वर के पद पर पट्टाभिषेक किया गया।
डेविड शिवाय गिरि अब आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर बनकर सनातन की अलख जाएंगे। शनिवार को अखाड़े में हुए भव्य आयोजन में उनका महामंडलेश्वर के पद पर पट्टाभिषेक किया गया। इस मौके पर अखाड़े के पीठाधीश्वार आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि कई महामंडलेश्वर, श्रीमहंत एवं अन्य साधु-संत उपस्थित थे। मूलतः कर्नाटक के रहने वाले डेविड शिवाय गिरि को संन्यास से पूर्व एस डेविड के नाम से जाना जाता था। उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव तब आया जब 2001 में उनकी मुलाकात उनके गुरु से हुई।
गुरु ने उन्हें संन्यास लेने और आध्यात्मिक मार्ग अपनाने की सलाह दी। इस नई यात्रा पर निकलने से पूर्व उन्होंने पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों की सहमति ली। इस प्रक्रिया में दो दशक लग गए। 2021 में उन्होंने संन्यास लिया और पूरी तरह से सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लग गए। संन्यास के उपरांत उनके गुरु भारद्वाज गिरि ने उन्हें नया नाम शिवाय डेविड गिरि दिया।
2021 से ही उनकी पहचान शिवाय डेविड गिरि के तौर पर है। महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद डेविड शिवाय गिरि ने बताया कि संन्यास लेने से पूर्व वह गोवा में रहते थे। गोवा में प्रोफेशनल कंस्लटेंट के रूप में कार्य करते थे।
निरंजनी अखाड़े में पांच राज्यों के पांच महामंडलेश्वर बने
निरंजनी अखाड़े में शनिवार को पांच राज्यों के पांच महामंडलेश्वर बनाए गए। इस दौरान निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि मौजूद रहे। वेद पाठियों ने मंत्रोच्चार किया और इसके बाद संतों ने चादर ओढ़ाकर कर सभी को समर्थन दिया। महामंडलेश्वर बनने वालों में चंडीगढ़ के स्वामी कृष्णनंद पुरी, ऋषिकेश उत्तराखंड स्वामी आदि योगी पुरी, मुम्बई महाराष्ट्र की स्वामी भगवती पुरी, किशनगंज राजस्थान की साध्वी मीरा गिरि, व वृंदावन के स्वामी आदित्यनंद गिरि शामिल हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के व मनसादेवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने बताया कि नवनियुक्त महामंडलेश्वर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा धर्म रक्षा के लिए स्थापित अखाड़ा परंपरा को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देंगे। चारों नवनियुक्त महामंडलेश्वरों ने सभी संत महापुरुषों के चरण छूकर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर ब्रह्मऋषि कुमार स्वामी, अखाड़ा सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि (अर्जी वाले हनुमान जी, उज्जैन), महामंडलेश्वर स्वामी ललिता नंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी आनंदमई माता, महंत दिनेश गिरि, महंत राजगीर, महंत राधे गिरि, महंत भूपेन्द्र गिरी, महंत ओमकार गिरी, डॉ. आदियानन्द गिरि आदि अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।