आशीष और भानु की जोड़ी को मिली महाकुंभ की जिम्मेदारी, कुंभ 2019 की सफलता में रहा योगदान
- कुंभ 2019 की सफलता में योगदान देने वालों आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को महाकुंभ के अगले दो स्नान पर्व की कमान सौंपी गई है। दोनों ही 2019 के कुम्भ के दौरान सेवाएं दे चुके हैं।
कुंभ 2019 की सफलता में योगदान देने वालों आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को महाकुंभ के अगले दो स्नान पर्व की कमान सौंपी गई है। दोनों ही 2019 के कुम्भ के दौरान सेवाएं दे चुके हैं। आशीष गोयल 2019 के कुंभ में मंडलायुक्त थे जबकि भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण, पीडीए के उपाध्यक्ष रहते हुए कुंभ 2019 के सफलता से कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया था। बाद में वह प्रयागराज के डीएम भी बनाए गए थे। यह दोनों अफसर 12 फरवरी तक प्रयागराज में रह कर महाकुम्भ की व्यवस्था को देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए कुम्भ 2019 के समय प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवा दे चुके आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी की तैनाती की जा रही है। कुंभ 2019 के इनके अनुभवों का लाभ लेने के लिए शासन स्तर से इनकी तैनाती की गई है। इसके अतिरिक्त विशेष सचिव स्तर के पांच अधिकारियों को भी भेजा जा रहा है। ये सभी 12 फरवरी तक प्रयागराज में उपस्थित रहकर व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में सहयोग देंगे। इसके अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा।
घटना से पहले ही मंडलायुक्त ने किया आगाह
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में मौनी अमावस्या को मची भगदड़ से पहले ही मंडलायुक्त विजय विश्वास एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पंत का उन्होंने आम जनमानस से यह अपील की है कि वो यहां से स्नान करें और निकल जाएं, अगर लेटे रहेंगे तो भगदड़ होने की संभावना है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत लाउडहेलर पर लोगों से यह कहते दिख रहे हैं कि जो सोवत है वो खोवत है। आप पहले आए हैं तो आपको सबसे पहले अमृत स्नान का लाभमिलना चाहिए।
वीडियो में वो कहते दिख रहे हैं कि अगर आप ऐसे ही लेटे रहेंगे तो भगदड़ की संभावना है। ऐसे में सोएं नहीं उठें। मंडलायुक्त के इस बयान के कई अर्थ निकाले जा रहे थे। लोगों ने अपने पक्ष रखे, लेकिन कुछ ही देर में उनकी बात सही साबित हो गई। अगर जनमानस ने उनकी बात मान ली होती तो इतना बड़ा हादसा न होता। लेकिन मेला क्षेत्र में आए श्रद्धालु मौनी अमावस्या का मोह छोड़ नहीं सके। ब्रह्ममुहूर्त में स्नान के लिए लोग वहीं डटे रहे, जिसके बाद पीछे से और श्रद्धालु आ गए। संगम नोज पूरी तरह से पैक हो गया और श्रद्धालु बैरिकेडिंग तोड़कर इसके पार आ गए और यह घटना हो गई।