शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद शिविर में 10 जनवरी से धर्म संसद, 1008 आसनों पर विराजमान होंगे धर्माचार्य
- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के शिविर में 10 जनवरी से धर्म संसद शुरू होगी। नौ जनवरी को शंकराचार्य मेला में प्रवेश करेंगे। धर्म संसद में 1008 आसनों पर धर्माचार्य विराजमान होंगे। धर्म संसद 33 दिन चलेगी। इसमें सभी शंकराचार्य आमंत्रित हैं।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती नौ जनवरी को महाकुम्भ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। पेशवाई पथरचट्टी रामलीला मैदान से होते हुए घंटाघर चौराहा, मुट्ठीगंज, मनकामेश्वर मंदिर होते हुए महाकुम्भ मेला शिविर में पहुंचेगी। इस दौरान शंकराचार्य का 108 स्थानों पर स्वागत किया जाएगा। शिविर प्रभारी मुकुंदानंद ब्रह्मचारी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि मेला क्षेत्र के सेक्टर 12 स्थित शिविर में धर्म संसद का आयोजन होगा।
10 और 11 जनवरी को विशेष तौर पर गो संसद से धर्म संसद की शुरुआत होगी। उसके बाद 11 फरवरी तक धर्म संसद में 26 विषयों पर चर्चा की जाएगी। धर्म संसद में 1008 आसनों पर विराजमान होने के लिए चारों पीठ के शंकराचार्य सहित 543 संसदीय क्षेत्र के गो प्रतिनिधि, 678 धर्माचार्य, 99 देशों के धर्म प्रतिनिधि और देश के 36 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।
सनातन बोर्ड के गठन पर भी चर्चा होगी
प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि संसद की तरह ही धर्म संसद की कार्यवाही चलेगी। संसद में धार्मिक मामलों में सरकारों द्वारा हस्तक्षेप नहीं करने व सनातन बोर्ड के गठन पर भी चर्चा की जाएगी। सेक्टर 19 संगम लोअर मोरी मार्ग स्थित शिविर में 324 यज्ञ कुंड तैयार किया जा रहा है। सनातनियों के कल्याण तथा गो माता की रक्षा के लिए शासन प्रशासन की बुद्धि शुद्धि के लिए 1100 आचार्यों द्वारा यज्ञ में नियमित आहुतियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत की मूल नस्ल की गाय रामा पर संकट है। देश में 53 नस्ल की गायें ही शेष बची हैं। शिविर में दर्शनार्थ करीब 35 नस्ल की गायें सुलभ होंगी।