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सिपाही ने भाभी संग की घिनौनी हरकत, कमरे में ले जाकर मिटाई हवस, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

  • बुलंदशहर जिले के गुलावठी क्षेत्र के गांव में अपनी भाभी से दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश वरुण मोहित निगम ने अभियुक्त सिपाही को 10 साल की सजा सुनाई है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, बुलंदशहरThu, 20 Feb 2025 09:27 PM
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सिपाही ने भाभी संग की घिनौनी हरकत, कमरे में ले जाकर मिटाई हवस, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

बुलंदशहर जिले के गुलावठी क्षेत्र के गांव में अपनी भाभी से दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश वरुण मोहित निगम ने अभियुक्त सिपाही को 10 साल की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने 26 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। 25 माह के अंदर ही अभियुक्त को सजा सुनाई गई है। वर्तमान में अभियुक्त सिपाही ओमपाल जिला गाजियाबाद के थाना नंदग्राम में तैनात था। कोर्ट में फैसले के दौरान आरोपी सिपाही महाकुंभ में ड्यूटी पर तैनात था। तीन दिन पहले ही सरेंडर किया था।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विजय कुमार शर्मा एवं इशान चौधरी ने बताया कि 26 जून 2022 को गुलावठी थाने में गांव निवासी पीड़ित महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया था कि उसका देवर ओमपाल यूपी पुलिस में सिपाही है। घटना वाले दिन आरोपी देवर ड्यूटी कर दिन में घर आया और उसके दोनों बच्चों को कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद आरोपी ने उसके कमरे में घुसकर दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि बीते करीब छह साल से आरोपी देवर उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था।

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पुलिस ने जांच कर 29 अगस्त 2022 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय वरुण मोहित निगम के न्यायालय ने 13 फरवरी को आरोपी सिपाही ओमपाल को दोषी करार दिया। हालांकि उस दिन आरोपी सिपाही न्यायालय में पेश नहीं हुआ था। उसने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दाखिल किया, किंतु न्यायाधीश ने प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए आरोपी सिपाही को दोषी करार दिया था। इसके बाद 20 फरवरी को सजा सुनाए जाने की तिथि तय की गई। गुरुवार को न्यायाधीश वरुण मोहित निगम ने अभियुक्त सिपाही को 10 साल की कैद और 26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि उक्त मुकदमे में मात्र 25 माह की अवधि के अंदर फैसला सुनाया गया है।

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कुंभ में ड्यूटी लगी होने की दी थी जानकारी

दुष्कर्म के मामले में न्यायालय द्वारा 13 फरवरी की सजा सुनाई जाने तिथि नियत की थी, किंतु उस दिन आरोपी सिपाही न्यायालय में पेश नहीं हुआ। आरोपी सिपाही ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दाखिल कर कुंभ में ड्यूटी लगी होने की जानकारी दी थी। न्यायाधीश ने आरोपी का हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए आरोपी सिपाही को दोषी करार दिया। इसके साथ ही सिपाही के पेश न होने के संबंध में संबंधित थाने में पत्राचार किया गया तो पता चला कि उसकी ड्यूटी कुंभ मेला प्रयागराज में लगी होने की पुष्टि हुई। सोमवार को आरोपी सिपाही ने न्यायालय में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में ले लिया गया।

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